विशाखापट्टनम: इंसानों के लिए कितनी घातक है लीक हुई स्‍टायरिन गैस, परिणाम भयानक हो सकते है

विशाखापट्टनम में जो गैस लीक हुई उसका नाम स्टाइरीन है, ये इंसानों के लिए कितनी खतरनाक है आगे जानिए ।

New Delhi, May 07 : आंध्र प्रदेश के विजाग में लोग सोकर भी नहीं उठे थे कि उनकी नींद में एक जहरीली गैस कोहराम मचाने लगी । तीखी गंध ने सांस लेना दूभर कर दिया तो वहीं आंखों की जलन ऐसी कि पानी से भी ठंडी नहीं हुई । ये कोई मामूली घटना नहीं थी, लोग इससे पहले समझ पाते कि हवा में क्‍या घुल रहा है उससे पहले ही मंजर भयानक हो गया । गैस से बेहोश होते लोग इधर – उधर गिरने लगे । सुबह ढाई बजे हुई इस घटना ने उजाला होते – होते कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया । सरकार ने हालात काबू में करने की कोशिश की लेकिन तब तक जान जानें की खबरें आने लगीं । आखिर कौन सी गैस लीक हुई थी, क्‍या है इसका इंसानों पर असर, आगे पढ़ें ।

कितनी खतरनाक है स्टाइरीन ?
आपको बता दें स्टायरिन गैस प्लास्टिक, पेंट, टायर जैसी चीजें बनाने के इस्तेमाल में आती है । इंसान अगर इस गैस के संपर्क में आ जाएं तो उन्‍हें   आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, बेहोशी और उल्टी जैसे परेशानियां होने लगती है । इस गैस का नर्वस सिस्टम पर सीधा असर होता है. स्टायरिन को एथेनिलबेनजीन, विनालेनबेन्जिन और फेनिलिथीन के रूप में पड़ता है ।

2018 में बढ़ा उत्‍पादन
स्टाइरीन, पॉलीस्टाइनिन और कुछ कोपॉलिमर का प्रीकर्सर है । साल 2010 में जहां इसका उत्‍पादन 25 मिलियन टन था वहीं 2018 में इसे बढ़ाकर 35 मिलियन टन कर दिया गया । साल 1839 में, जर्मन एपोथेकरी एडुअर्ड साइमन ने अमेरिकी स्वीटग्म ट्री के राल से एक वाष्पशील तरल को अलग कर दिया था, उन्होंने ही उस तरल पदार्थ को ‘स्टाइरोल’ नाम दिया था, जिसे अब स्टाइरीन कहा जाता है । प्रयोग में पाया गया कि जब स्टाइरोल को हवा, रोशनी या गर्मी के संपर्क में लाया गया था, तो यह धीरे-धीरे एक कठोर, रबड़ जैसे पदार्थ में बदल गया । जिसे उन्होंने “स्टाइरल ऑक्साइड” कहा । 1845 में जर्मन केमिस्ट अगस्त हॉफमैन और उनके छात्र जॉन बेलीथ ने स्टाइरीन का एक फर्मूला निर्धारित किया – C8H8 ।

कैसे हुआ विजाग में गैस हादसा ?
विशाखापट्टनम के विजाग में ये घटना गुरुवार सुबह करीब 2.30 बजे हुई ।  आसपास के इलाकों में तब लोग अपने घरों में सो रहे थे । तभी अचानक उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी, भयानक खुजली और आंखों में जलन भी । दहशत में आकर लोग अपने घरों से बाहर भागे, लेकिन जहरीली हवा के कारण वह बेसुध हो गए । सिर्फ इंसान ही नहीं कई जानवर भी इस जहरीली गैस की चपेट में आ गए थे । केमिकल यूनिट के आसपास के 3 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को वहां से हटा दिया गया है । लेकिन इस गैस कांड के प्रभावितों की संख्‍या काफी ज्‍यादा है ।

Read Also : विशाखापट्टनम : जहरीली गैस हुई लीक, सड़कों पर गिरते-पड़ते लोग, भयानक मंजर