‘श्रीराम’ के बाद ‘सीता मैया’ का छलका दर्द, बोलीं – ‘सैलरी बताने में शर्म आती है’, सरकार से एक अपील

टीवी सीरियल रामायण की चहेती किरदार ‘सीता मैया’ का रोल निभाने वालीं दीपिका खिलिया ने अपने मन की बात शेयर की है । उन्‍होने सरकार से एक अपील भी की है ।

New Delhi, May 08 : दूरदर्शन पर प्रसारित हो रहे रामायण सीरियल को एक बार फिर स्‍टार प्‍लस पर देखा जा सकता है । इस टीवी सीरियल ने एक बार फिर इतिहास रचा है, टीआरपी ने दूरदर्शन ने अपने ही रिकॉर्ड तोड़ दिए । ये सीरियल लोगों को इतना पसंद आया कि इसके किरदारों को एक बार फिर याद किया जाने लगा, जिन एक्‍टर्स ने किरदारों में अपने अभिनय से जान फूंकी उन्‍हें सोशल मीडिया पर ट्रेंड किया जाने लगा । एक्‍टर्स फैंस से जुड़े और तब के कई किस्‍से भी शेयर किए । अरुण गोविल और सुनील लहरी की तरह अब सीता मैया का किरदार निभाने वालीं एक्‍ट्रेस दीपिका चिखलिया ने अपने मन का दर्द साझा किया है ।

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दीपिका ने शेयर किया दर्द
दीपिका चिखलिया ने एक इंटरव्‍यू में कहा कि – ‘दर्शकों ने तो खूब प्यार दिया, लेकिन उस वक्त सरकार की ओर से बेरुखी दिखाई गई । ना तो कभी कोई नैशनल अवॉर्ड मिला, ना ही कोई पद्म सम्मान । उन्होंने ये भी बताया कि ‘उस वक्त ‘रामायण’ में काम करने का मेहनताना भी इतना मामूली था कि तब भी बताने में शर्म आती थी और आज भी शर्म आती है।’ दीपिका के मुताबिक ‘रामायण’ को आज भी दर्शकों का इतना प्यार इसलिए मिल रहा, क्योंकि उस दौर में इस धारावाहिक से जुड़े हर शख्स ने जी-तोड़ मेहनत की थी ।

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सरकार से अपील
दीपिका ने आगे कहा – ‘हम सभी कलाकारों ने पैसे के लिए कभी भी ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे दर्शक इमोशनली हर्ट हों।’ उन्होंने कहा कि ‘हम अवॉर्ड मांग नहीं रहे हैं, लेकिन पॉइंट आउट जरूर कर रहे हैं कि अब मोदी सरकार ने जिस तरह रामायण सीरियल को एक बार फिर से दुनिया के सामने लाने का काम किया है. अब आगे मोदीजी को लगे की रामायण की टीम ने कल्चर और लिट्रेचर में कुछ काम किया है तो वो हमें पद्म सम्मानों से सम्मानित करने के बारे में सोचें’ । आपको बता दें कुछ समय पहले ही केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ‘रामायण’ के निर्माता रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर को पत्र लिखकर धन्यवाद दिया था और कहा था कि ‘नई पीढ़ी के लिए रामायण वरदान साबित हुआ है।’ इसी पत्र के बाद दीपिका ने अपने मन की बात कही ।

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अरुण गोविल भी शेयर कर चुके हैं मन का हाल
इससे पहले रामायण में श्रीराम का किरदार करने वाले अरुण गोविल भी अपने मन का दर्द साझा कर चुके हैं । एक डिजिटल इंटरव्‍यू के दौरान अरुण गोविल ने ट्वीट किया था – चाहे कोई राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, मुझे आज तक किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया है. मैं उत्तर प्रदेश से हूँ, लेकिन उस सरकार ने भी मुझे आज तक कोई सम्मान नहीं दिया. और यहाँ तक कि मैं पचास साल से मुंबई में हूँ, लेकिन महाराष्ट्र की सरकार ने भी कोई सम्मान नहीं दिया. #रामायण । उन्‍होने एक इंटरव्‍यू में ये भी कहा था कि उनके राम की छवि के कारण उन्‍हें इंडस्‍ट्री में काम तक नहीं मिला, उन्‍होने बताया था– “मैंने अपने करियर की शुरुआत हिंदी फिल्म में हीरो के तौर पर की थी और ‘रामायण’ के बाद जब मैं बॉलीवुड में वापस लौटना चाहता था, तो निर्माता कहते थे, ‘आपकी राम वाली छवि काफी मजबूत है, हम आपको किसी और किरदार में कास्ट नहीं कर सकते या सहायक भूमिका नहीं दे सकते हैं.” यानी उन्‍हें रामयण के बाद में फिल्‍मों में भी उस तरह से काम नहीं मिल पाया जैसा वो चाहते थे ।