कोरोना की वजह से टेंट में रहने को मजबूर है ये क्रिकेटर, कहा संक्रमण ने सब तबाह कर दिया

सलमान खान युवा स्पिन गेंदबाज हैं, उन्होने कहा कि अगर एमपीएल होता, तो मैं अपने परिवार के साथ किराये के घर में रहने चला जाता।

New Delhi, May 10 : कोरोना संक्रमण लॉकडाउन की वजह से कई बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट और लीग स्थगित की जा चुकी है, आईपीएल को बीसीसीआई ने अनिश्चितकाल के लिये टाल दिया है, भारत में घरेलू क्रिकेटर और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर पर इस कोरोना का आर्थिक तौर पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है, हालांकि कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जो घरेलू लीग में खेलकर अपना गुजारा करते हैं, कोरोना की वजह से ठप्प पड़े क्रिकेट ने उनकी जिंदगी को काफी मुश्किल बना दिया है, ऐसी ही कहानी मुंबई के अंडर 23 क्रिकेटर सलमान खान की है, जो इन दिनों अपने परिवार के साथ टेंट में रह रहे हैं।

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टूट गया किराये के घर में रहने का सपना
21 वर्षीय सलमान मुंबई के क्रॉस मैदान के पास बने टेंट में अपने परिवार के साथ रहते हैं, उनके पिता ग्राउंड्स मैन हैं, जो क्लब मैच और कैंप के दौरान होने वाले मैचों के लिये काम करके पैसे कमाते हैं, हालांकि इस सीजन में कोरोना की वजह से उनके पास कोई काम नहीं है, सलमान ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि वो इस साल मुंबई प्रीमियर लीग में आकाश टाइटर की ओर से खेलने वाले थे, जिससे उन्हें 1 लाख रुपये मिलने वाले थे, उन्होने सोचा था कि वो इस पैसे से किराये के घर में शिफ्ट हो जाएंगे, लेकिन अब ये सब मुमिकन नहीं दिख रहा है।

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बचत भी खत्म हो रही
सलमान खान युवा स्पिन गेंदबाज हैं, उन्होने कहा कि अगर एमपीएल होता, तो मैं अपने परिवार के साथ किराये के घर में रहने चला जाता, लेकिन कोरोना वायरस ने सबकुछ तबाह कर दिया है, मेरे पास कोई नौकरी नहीं है, मेरे बचाये हुए पैसे भी धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं।

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बीसीसीआई ने केन्द्रीय अनुबंधिक खिलाड़ियों को दे दिया है वेतन
बीसीसीआई ने केन्द्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों की तिमाही बकाया राशि का भुगतान कर दिया है, बोर्ड का कहना है कि कोरोना की वजह से बनी अनिश्चितता के बावजूद वो किसी को परेशान नहीं होने देंगे, इस समय खिलाड़ियों के सैलरी की कटौती की खबरें आम है, कहीं खिलाड़ियों का वेतन काटा जा रहा है, तो कहीं स्टाफ को निकाला जा रहा है, बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि इस साल के आखिर तक आईपीएल का होना जरुरी है, क्योंकि अगर ये टूर्नामेंट नहीं होगा, तो शेयरधारकों को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ेगा।