युवराज सिंह ने टीम इंडिया के कोच के खिलाफ खोला मोर्चा, इशारों में विराट पर भी तंज

युवराज सिंह ने मुख्य कोच रवि शास्त्री पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि टीम के मौजूदा खिलाड़ियों के पास बात करने और सलाह लेने के लिये कोई नहीं है।

New Delhi, May 13 : टीम इंडिया के पूर्व स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब समय बिता रहे हैं, वो लगभग हर हफ्ते इंस्टाग्राम पर लाइव आते हैं, ऐसे ही एक लाइव चैट के दौरान युवी ने टीम इंडिया के मौजूदा बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ पर सवाल खड़े किये हैं, उन्होने कहा कि विक्रम टी-20 क्रिकेट में खिलाड़ियों के मार्गदर्शन करने की काबिलियत नहीं रखते हैं, इस सेशन में उन्होने टीम के चयनकर्ता और यहां तक कि मुख्य कोच रवि शास्त्री पर भी सवाल खड़े किये।

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विक्रम ने नहीं खेला कोई भी टी-20 मैच
आपको बता दें कि भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठोड़ ने 1996 से 1997 के बीच 6 टेस्ट और 7 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं, युवराज सिंह ने इंस्टाग्राम लाइव सेशन के दौरान कहा कि विक्रम राठौड़ मेरा दोस्त है, क्या आपको लगता है कि वो टी-20 खिलाड़ियों की मदद कर सकता है, उसने उस स्तार पर क्रिकेट खेला ही नहीं, हर प्रारुप में हर खिलाड़ी से अलग तरह से पेश आना पड़ता है, अगर मैं कोच होता तो बुमराह को रात 9 बजे गुडनाइट बोल देता और हार्दिक पंड्या को रात 10 बजे ड्रिंक्स के लिये बाहर ले जाता। अलग-अलग लोगों से अलग-अलग तरीके से पेश आना पड़ता है, आप हर खिलाड़ी को ये नहीं कह सकते कि मैदान पर जाओ और खुलकर खेलो, ये तरीका सहवाग जैसे खिलाड़ी के साथ काम कर सकता है, लेकिन पुजारा का खेल एकदम अलग है, ऐसे में कोचिंग स्टाफ को इस बारे में पता होना चाहिये।

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रवि शास्त्री पर निशाना
युवराज ने मुख्य कोच रवि शास्त्री पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि टीम के मौजूदा खिलाड़ियों के पास बात करने और सलाह लेने के लिये कोई नहीं है, उन्होने कहा कि मुझे नहीं पता कि रवि सर क्या कर रहे हैं या नहीं, शायद उनके पास दूसरे भी काम हैं।

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चयनकर्ताओं पर भी उठाये सवाल
युवी ने कहा कि मैं हमेशा कहता हूं कि चयनकर्ताओं को फैसलों को चुनौती देने वाला होना चाहिये, लेकिन आपके चयनकर्ताओं ने सिर्फ 4-5 मैच वनडे खेले हों, तो उनकी मानसिकता उसी तरह की होगी, ये चीजें तब नहीं होती थी, जब सौरव गांगुली और धोनी कप्तान थे, 2011 विश्वकप में हमारे पास अच्छी खासी अनुभवी टीम थी, इसलिये हम विश्वविजेता बने।