WHO की चेतावनी से मची खलबली, जहां घटे मामले वहां फिर लौट सकता है कोरोना

डब्लयूएचओ ने चेतावनी दी है, कि फर्स्ट वेव के भीतर की सेकेंड पीक आने की आशंका बनी हुई है।

New Delhi, May 26 : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) ने एक बार फिर सोमवार को कोरोना संक्रमण से संबंधित नई चेतावनी जारी की है, उन्होने कहा है कि चीन, यूरोप और अब अमेरिका में संक्रमण के मामलों में कमी आ गयी है, लेकिन दुनिया भर के वैज्ञानिक सेकेंड वेव का खतरा बता रहे हैं, डब्लयूएचओ के अनुसार अगर दुनिया को सेकेंड वेव का सामना ना भी करना पड़े, तो कुछ ऐसे देश हैं, जहां फिर से संक्रमण के मामले बढेंगे और सेकेंड पीक आने की आशंका है।

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फर्स्ट वेव
डब्लयूएचओ के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के डायरेक्टर डॉ. माइक रेयान ने कहा कि फिलहाल दुनिया कोरोना संक्रमण की फर्स्ट वेव के एकदम मध्य में है, यहां से ज्यादातर इलाकों में कोविड-19 के केसों में कमी आने लगेगी, हालांकि उन्होने ये भी कहा कि अभी कुछ और दिनों तक मामलों में बढोतरी ही दर्ज की जाएगी, एशिया-अफ्रीका में मामले ज्यादा आएंगे।

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कभी भी आ सकती है सेकेंड पीक
मालूम हो कि कोरोना संक्रमण के मामलों में एक ऐसा स्तर आता है, जब सबसे ज्यादा नये मामले और मौतें दर्ज की जाती हैं, इसे ही पीक कहा जाता है, डब्लयूएचओ ने चेतावनी दी है, कि फर्स्ट वेव के भीतर की सेकेंड पीक आने की आशंका बनी हुई है, रेयान ने बताया कि वो वक्त कभी भी आ सकता है, जब फिर से दुनिया भर में मामले बढने लगे, इसमें कुछ ऐसे भी देश शामिल हो सकते है जहां माना जा रहा है कि कोरोना पर कंट्रोल पा लिया गया है, उन्होने कहा कि अभी तक सेकेंड वेव की आशंकाएं कम है, लेकिन मामले बढेंगे, इस ओर भी काफी इशारे मिल रहे हैं।

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सर्दियों में बढेगा प्रकोप
रेयान ने कहा कि बारिश और सर्दियों का मौसम आमतौर पर संक्रमण के लिये अनुकूल होता है, ऐसे में इस दौरान कोरोना संक्रमण के लिये भी फिर से नई जमीन तैयार हो जाएगी, डब्लयूएचओ की इंफेक्शिय डिजीज एपिडेमोलॉजिस्ट मारिया वैन केर्खोव ने बताया कि सभी देशों को फिलहाल हाई अलर्ट पर रहने की जरुरत है, सभी को रेपिड टेस्ट सिस्टम तैयार कर लेना चाहिये। ये चेतावनी उन देशों के लिये है, जो मान रहे हैं कि उन्होने संक्रमण पर काबू पा लिया है, उन्होने कहा कि कोविड-19 एक ऐसा वायरस है जो कभी भी पूरी तेजी से वापसी करने में सक्षम है, सर्दियों में ये और भी घातक हो सकता है।