नेपाल पुलिस के चंगुल से छूटे भारतीय ने बयां की आपबीती, पहले हवाई फायरिंग, फिर लाठीचार्ज…

नेपाल पुलिस के हिरासत से मुक्त हुए लगन राय ने कहा कि फायरिंग के बाद वहां लोग जमा हो गये, जिसके बाद नेपाल पुलिस के जवानों ने लाठीचार्ज शुरु कर दिया।

New Delhi, Jun 13 : नेपाल पुलिस ने बंधक बनाये गये भारतीय नागरिकों को छोड़ दिया है, मामले को स्थानीय स्तर पर ही सुलझा लिया गया है, इसमें सीतामढी के जिलाधिकारी के साथ एसपी और स्थानीय एसएसबी अधिकारियों की भूमिका रही है, इस बीच रिहा किये गये लगन राय ने बताया कि उनका बेटा नेपाल सीमा में था, वो ससुराल के परिजनों से मिलने नेपाल के सरलाही गया था, लगन राय ने कहा कि मेरे लड़के ने बताया कि समधियाने से लोग आये हैं, तो मैं भी उनके साथ चला गया, इसी बीच बेटे ने बताया कि उसे नेपाल पुलिस ने पीटा है, लगन राय ने आगे कहा कि मैंने नेपाल पुलिस से सिर्फ इतना कहा कि अपने ससुराल वालों से मिलने आया है, आपको नहीं पीटना चाहिये था, इस पर कुछ बहस हुई, जिसके बाद पुलिस और उग्र हो गई, थाने से कुछ सिपाहियों को बुलवा लिया और अचानक 5-7 गोली हवाई फायरिंग कर दी।

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हवाई फायरिंग के बाद लाठीचार्ज
नेपाल पुलिस के हिरासत से मुक्त हुए लगन राय ने कहा कि फायरिंग के बाद वहां लोग जमा हो गये, जिसके बाद नेपाल पुलिस के जवानों ने लाठीचार्ज शुरु कर दिया, फिर अचानक दनादन गोलियां चलाने लगे, इस फायरिंग में जानकीनगर टोला लालबंदी निवासी नागेश्वर राय के 25 वर्षीय बेटे विकास कुमार की जान चली गई, इसके साथ ही विनोद राम के बेटे उमेश राम और सहोरवा निवासी बिंदेश्वर शर्मा के बेटे उदय शर्मा घायल हो गये हैं, तभी नेपाल पुलिस ने लगन राय को अपने हिरासत में ले लिया।

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स्थानीय स्तर पर सुलझाया मामला
नेपाल पुलिस ने बंधक बनाये गये भारतीय नागरिकों को छोड़ दिया है, मामले को स्थानीय स्तर पर ही सुलझा लिया गया है, सीतामढी डीएम के साथ एसपी और स्थानीय एसएसबी के अधिकारियों ने समझदारी से काम लेते हुए इसे अपने स्तर पर ही सुलझाने का काम किया।

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स्थानीय मुद्दा
मालूम हो कि इस मामले में एसएसबी डीजी कुमार राजेश चंद्र, सीतामढी की डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा और एसपी अनिल कुमार ने इसे स्थानीय मुद्दा बताया था, उन्होने कहा था कि इसका सीमा विवाद से कोई नाता नहीं है, स्थानीय स्तर पर ही मामले को सुलझा लिया गया। दरअसल कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए भारत-नेपाल बॉर्डर सील है, आवाजाही बंद होने के बावजूद सीतामढी जिला निवासी लगन राय अपने बेटे के साथ किसी महिला रिश्तेदार से मिलने सीमा पार गये थे, इसी क्रम में नेपाल पुलिस उन्हें बॉर्डर से भगाना चाह रही थी।