बैंक के सामने चाय बेचने वाले युवक ने बैंक को लगाया करोड़ों का चूना, 1 साल में साइकिल से लग्जरी कार तक

घोटाला उजागर होने के बाद बैंक शाखा प्रबंधक 29 फरवरी को दिहाड़ी कर्मी पंकज गुप्ता और उसके परिजनों समेत 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

New Delhi, Jun 17 : कानपुर के बैंक ऑफ इंडिया के महाराजपुर शाखा में 4 महीने पहले हुए डेढ करोड़ के घोटाले में पुलिस ने मुख्य आरोपी दिहाड़ कर्मी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, इसके साथ ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर भी पुलिस पूरी रुप रेखा तैयार कर रही है। आपको बता दें कि बैंक ऑफ इंडिया के महाराजपुर शाखा में बड़ा घोटाला सामने आया था, जिसमें कस्टमर के खातों से लाखों की रकम पार कर ली गई थी, ग्राहकों ने जब हंगामा किया, तो फिर पूरा मामला उजागर हुआ, 2 दर्जन से ज्यादा कस्टमर के खाते से एक करोड़ 41 लाख रुपये की रकम पार की गई थी।

Advertisement

चाय बेचने वाला मास्टरमाइंड
घोटाला उजागर होने के बाद बैंक शाखा प्रबंधक 29 फरवरी को दिहाड़ी कर्मी पंकज गुप्ता और उसके परिजनों समेत 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी पंकज बैंक कर्मचारियों का पासवर्ड चुरा कर अपने घर वालों और दोस्तों के खाते में पैसे ट्रांसफर किया था, मामले की जांच पहले महाराजपुर थाने में कई महीनों तक पड़ी रही, पुलिस के लापरवाही की वजह से कई महीनों तक आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर रहे, फिर अधिकारियों के दखल के बाद तीन दिन पहले जांच नरवल इंस्पेक्टर राम अवतार को दी गई, जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी करके मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

Advertisement

जाल बिछाकर पकड़ा
नरवल इंस्पेक्टर राम अवतार ने बताया कि तीन दिन पहले ही उन्हें मामले की जांच सौंपी गई है, जिसमें पहले 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज था, मुख्य आरोपी दिहाड़ी कर्मी पंकज गुप्ता था, जिसने बैंक में बहुत बड़ा गोलमाल किया था,  नरवल पुलिस थाना प्रभारी राम अवतार ने घेराबंदी करके मुख्य आरोपी पंकज को मुखबिर की निशानदेही पर हाथीपुर गांव से धर दबोचा, साक्ष्यों के आधार पर उसे जेल भेज दिया गया है, जब घोटाला सामने आया था, तो महाराजपुर पुलिस ने पंकज को हिरासत में लिया था, हालांकि तब तत्कालीन थाना प्रभारी ने पूछताछ करके उसे छोड़ दिया था।

Advertisement

साइकिल से लग्जरी कार का सफर
नरवल थाना प्रभारी ने बताया कि पूछताछ में ग्रामीणों ने बताया कि पंकज के पिता थाने के सामने चाय की दुकान लगाते थे, जहां पंकज भी काम करता था, पंकज के पिता बीस साल पहले फतेहपुर से आकर हाथीपुर में बस गये थे, पांच हजार रुपये की नौकरी करने वाला पंकज पिछले एक साल में मालामाल हो गया था, वो साइकिल की जगह पिछले कुछ महीने से लग्जरी कार से चलने लगा था, जिसकी वजह से शक के घेरे में जल्दी आ गया।