पतंजलि की ‘कोरोनिल’ इन राज्‍यों में बैन, उत्‍तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव को नोटिस भेजा

पतंजलि की कोरोना दवा ‘कोरोनिल’ पर विवाद गहराता जा रहा है । मामले में उत्‍तराखंड सरकार ने बाबा की दिव्‍य फार्मेसी को नोटिस जारी किया है, साथ ही कुछ राज्‍यों ने इस दवा पर बैन लगा दिया है ।

New Delhi, Jun 25: बाबा रामदेव की संस्‍था पतंजलि द्वारा संचालित दिव्‍य फार्मसी की कोरोना दवा ‘कोरोनिल’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है । आयुष मंत्रालय की आपत्ति के बाद से ही राज्‍यों ने इसे बैन करना शुरू कर दिया है । पहले राजस्थान सरकार और अब महाराष्ट्र सरकार ने भी इस दवा पर प्रतिबंध लगा दिया है । बाबा रामदेव ने अगले 7 दिनों में दवा के बाजार में आने की बात कही थी, ट्रायल में सफल्‍ रहने की बात की थी और 100 परसेंट रिकवरी रेट का दावा किया था । लेकिन आयुष मंत्रालय को इस दावे से आपत्ति हो गई, क्‍योंकि मंत्रालय को इसके बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी ।

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अनिल देशमुख ने किया ट्वीट
महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ट्वीट कर ये जानकारी दी कि कोरोनिल दवा के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, ऐसे में महाराष्ट्र में इस दवा की बिक्री पर पाबंदी रहेगी । उन्‍होने गुरुवार तड़के ट्वीट किया – ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, जयपुर यह पता लगाएगा कि क्या पतंजलि के ‘कोरोनिल’ का क्लीनिकल ट्रायल किया गया था ।  हम बाबा रामदेव को चेतावनी देते हैं कि हमारी सरकार महाराष्ट्र में नकली दवाओं की बिक्री की अनुमति नहीं देगी।’

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राजस्‍थान सरकार ने पहले ही लगा दिया था बैन
महाराष्‍ट्र से पहले राजस्थान पहला राज्य बना था, जिसने बाबा रामदेव की दवा कोरोनिल की बिक्री पर रोक लगाई । राजस्थान सरकार की ओर से आदेश में कहा गया कि केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की स्वीकृति के बिना कोविड-19 महामारी की दवा के रूप में किसी भी आयुर्वेदिक औषधी का विक्रय नहीं किया जा सकता । सरकार ने कहा कि ऐसी कोई भी दवा बेचने पर विक्रेता के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी । आपको बता दें केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने रामदेव के दावों पर सवाल खड़े करते हुए दवा के विज्ञापन पर ही रोक लगा दिया है और जांच की बात कही गई है ।

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उत्‍तराखंड सरकार ने जारी किया नोटिस
वहीं आयुष मंत्रालय के बाद उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग ने भी पतंजलि के दावों को गलत बताया है । विभाग के मुताबिक पतंजलि की रिपोर्ट में हल्‍के लक्षण वाले मरीजों पर ट्रायल की बात कही गई है । वहीं उत्तराखंड सरकार ने भी पतंजलि की दिव्य फार्मेसी को नोटिस जारी किया है । सरकार का स्‍पष्‍ट रूप से कहना है कि ये लाइसेंस इम्युनिटी बूस्टर के लिए दिया गया था, ना कि कोरोना की आयुर्वेदिक दवा के लिए । हालांकि पूरे मामले में पतंजलि का दावा है कि उसने आयुष मंत्रालय को मांगी गई सारी जानकारी भेज दी है । और उनकी दवा एकदम सही है ।