भारत में चीन के बढ़ते खतरे के मद्देनजर अमेरिका उठाएगा बड़ा कदम, US आर्मी की तैनाती की तैयारी

भारत और चीन के बीच पैदा हुए तनाव ने एशियाई देशों में चीन से बढ़ रहे खतरे की आशंका को बढ़ा दिया है । चीन की हरकतें देखते हुए अमेरिका बड़े कदम की तैयारी कर रहा है ।

New Delhi, Jun 26: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा  पर बने हुए गतिरोध के बीच दोनों देश लगातार बातचीत के जरिए इसे सुलझाने की कोशिश में लगे हैं, लेकिन किसी ठोस नतीजे की ओर नहीं बढ़ पा रहे हैं । इस बीच अमेरिका की ओर से भारत और चीन के बीच जारी तनातनी पर बड़ा बयान आया है । अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि चीन के बढ़ते खतरे के चलते एशियाई देशों को सुरक्षा के मद्देनजर यूरोप से अपनी सेना को वापस बुला रहे हैं ।

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माइक पॉम्पियो का बयान
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने गुरुवार को पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि – भारत, मलेशिया, इंडोनेशिया, और फिलीपीन जैसे एशियाई देशों में चीन के बढ़ते खतरे के मद्देनजर अमेरिका दुनिया भर में अपने सैनिकों की तैनाती की समीक्षा कर रहा है, अमेरिका अपनी आर्मी को इस तरह से तैनात कर रहा है कि वे जरुरत पड़ने पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी कि चीनी सेना का मुकाबला कर सकें । पोम्पिओ, जर्मन मार्शल फंड के वर्चुअल ब्रसेल्स फोरम 2020 में पहुंचे थे ।

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चीन से निपटने की तैयारी
माइक पोम्पिओ ने कहा –  ‘‘हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारी तैनाती ऐसी हो कि पीएलए का मुकाबला किया जा सके । हमें लगता है कि यह हमारे समय की यह चुनौती है और हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारे पास उससे निपटने के लिए सभी संसाधन उचित जगह पर उपलब्ध हों।’’ पॉम्पियो ने आगे बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर ही सैनिकों की तैनाती की समीक्षा की जा रही है । इसके तहत अमेरिका, जर्मनी में अपने सैनिकों की संख्या करीब 52 हजार से घटा कर 25 हजार कर रहा है ।

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चीन की ओर से कोई राहत की बात नहीं …
वहीं भारत की ओर से भी स्‍पष्‍ट कर दिया गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर न तो चीन की कार्रवाई जायज है और न ही उसके दावे । इसके साथ ही विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि किसी एक तरफा कार्रवाई के जरिए वास्तविक नियंत्रण रेखा को बदलने की चीन की कोशिश भारत के लिए कतई अस्वीकार्य है । विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की ओर से कहा गया है कि एलएसी पर अब तक चीन की तरफ से की गई कार्रवाई के कारण ही तनाव बढ़ा है ।