मरने से पहले कोरोना मरीज ने बनाया वीडियो, अस्पताल का सच बताया, कहा- सांस नहीं ले पा रहा डैडी …

कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच अस्‍पतालों का सच दिखाती कई घटनाएं सामने आई हैं, ताजा मामला हैदराबाद के चेस्‍ट हॉस्पिटल का है, जिस पर मरीज का वेंटिलेटर हटाने का आरोप लगया है, जिसके बाद उसकी मौत हो गई ।

New Delhi, Jun 29: भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या साढ़े 5 लाख के करीब पहुंच गई है । जून का महीना खत्‍म आने को है लेकिन कोरोना के कस कम नहीं हो रहे हैं । इस बीच आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद से एक बहुत ही दुखद मामला सामने आया है । यहां के चेस्‍ट अस्पताल में भर्ती एक शख्स की मौत हो गई, 34 साल के इस मरीज ने मरने से पहले अपने परिवार वालों को कॉल और मैसेज भी किया था । उसने अस्‍पताल का एक-एक सच बताया ।

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मरने से पहले बनाया वीडियो
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हैदराबाद के एक चेस्ट हॉस्पिटल में भर्ती रवि कुमार नाम के कोरोना मरीज की शुक्रवार को मौत हो गई । परिवार को उसकी ओर से एक वीडियो मैसेज मिला है, जिसमें रवि अपने पिता से कह रहे हैं कि ‘डैडी, मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं । बार-बार कहने पर भी उन्होंने मेरा वेंटिलेटर हटा दिया । 3 घंटे से मुझे ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है ।अब मैं और सांस नहीं ले पा रहा हूं पापा । ऐसा लग रहा है कि मेरी घड़कने अब रुक रही हैं. बाय पापा बाय…।’

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पिता का आरोप
बेटे के इस दर्दनाक वीडियो के बाद मृतक के परिजन लगातार अस्पताल पर आरोप लगा रहे हैं । उनका कहना है कि अस्पताल स्टाफ ने जानबूझकर उसका वेंटिलेटर हटाया । उसे सांस लेने में दिक्कत हुई और उसे अपनी दिल की धड़कन रुकने का भी एहसास हो रहा था । उनका आरोप है कि उनका बेटा 3 घंटे तक तड़पता रहा, लेकिन अस्‍पताल ने उसका ध्‍यान नहीं रखा । मृतक रवि के पिता वेंकटेश ने एक वीडियो जारी कर तेलंगाना सरकार पर भी आरोप लगाए हैं । दुखी पिता ने कहा – ‘मेरे बेटे को 100-101 डिग्री बुखार था. 23 तारीख को उसे अस्पताल ले गया तो उनसे कहा गया कि इसे कोविड-19 के लक्षण हैं. सरकार का आदेश है कि हम नहीं उसे देख सकते.’ उन्होंने आगे बताया, ‘हमें कहा गया कि पहले कोरोना टेस्ट कराकर लाओ. मैंने कहा ऐसे कैसे कह दे रहे हैं कि कोरोना का लक्षण है. इसी तरह 10-12 अस्पतालों में चक्कर लगाया, फिर 24 तारीख को कारखाना में विजया डायग्नोसिस गया. बेटे को सांस लेने की तकलीफ को देखते हुए निम्स, गांधी, यशोदा, वगैरह कई अस्पतालों के चक्कर लगाए. फिर जाकर चेस्ट अस्पताल में भर्ती कराया.’

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ऑक्‍सीजन क्‍यों हटाया ?
पिता ने आगे कहा –  ‘पता नहीं वहां क्या हुआ. ऑक्सीजन क्यों हटाया. दूसरे मरीज को लगाने के लिए ऑक्सीजन हटाया या मारने के लिए ऑक्सीजन हटाया. मालूम नहीं. जबकि कोरोना की रिपोर्ट नहीं आई थी. मेरे बेटे का सेल्फी वीडियो देखकर मेरा दिल बैठ गया… वो कह रहा था डैडी मेरा ऑक्सीजन निकाल दिया डैडी. मैं सांस नहीं ले पा रहा.’

अस्‍पताल की सफाई
इन आरोपों पर चेस्ट अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट महबूब खान ने सफाई दी है, उन्‍होने कहा है – ‘रवि कुमार नामक व्यक्ति 24 तारीख को भर्ती हुआ था. 26 तारीख को उसकी मौत हो गई. जब वह भर्ती हुआ था तभी उसकी तबीयत बहुत खराब थी. हमने सभी तरह की जांच की थी.’ उन्होंने कहा- ‘हमने ऑक्सीजन या वेंटिलेटर नहीं निकाला था. रवि कुमार को कोरोना की वजह से फेफड़े के साथ-साथ हार्ट में बहुत असर कर गया था.’ मीडिया को मिली