चीन से टकराव: दोस्त भारत को देंगे ये ‘ब्रह्मास्त्र’

फ्रांस के साथ हुए खरीद समझौते के तहत भारत को 36 राफेल विमान मिलने वाले हैं, पहला राफेल अगले महीने 27 जुलाई को भारत को मिल जाएगा।

New Delhi, Jun 29 : भारत-चीन के बीच तनाव चरम पर है, पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद से भारतीय सेना गुस्से में है, चीन के धोखे का जवाब देने के लिये भारतीय फौज मुस्तैदी के साथ खड़े हैं, इन सबके बीच भारत ने अपने मित्र देशों से तेजी से मारक हथियार हासिल करने में जुटा है, अमेरिका, रुस, फ्रांस और इजरायल जैसे देश भारत को जल्द हथियार उपलब्ध कराने का भरोसा दे चुके हैं।

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अगले महीने राफेल
फ्रांस के साथ हुए खरीद समझौते के तहत भारत को 36 राफेल विमान मिलने वाले हैं, पहला राफेल अगले महीने 27 जुलाई को भारत को मिल जाएगा, योजना के अनुसार पहले 4 राफेल अंबाला आने वाले थे, लेकिन फ्रांस अब कुछ ज्यादा संख्या में लड़ाकू विमानों को भेजेगा, 8 विमार्नों का सर्टिफिकेशन मिलने वाला है। मालूम हो कि राफेल को आसमान का अजेय योद्धा माना जाता है, हवा से हवा में मार करने वाले लंबी दूरी की मिसाइलों से इसे लैस किया जा सकता है, इसका निशाना अचूक होता है।

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मदद को आगे आया इजरायल
इजरायल ने करगिल के समय भी भारत को हथियार उपलब्ध कराये थे, अब चीन के साथ तनाव को देखते हुए इजरायल एक बार फिर से भारत के डिफेंस सिस्टम को मजबूती देने के लिये तैयार है, सूत्रों का दावा है कि इजरायल जल्द ही मारक हथियार भारत को देने वाला है, बराक-8 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिये भारत लंबे समय से बात कर रहा था, इसके लिये दोनों देशों के बीच 2018 में समझौता भी हुआ था।

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पुराना मित्र देगा ब्रह्मास्त्र
भारत के पुराने मित्रों में शामिल रुस जल्द ही एस-400 मुहैया कराएगा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मास्को दौरे के दौरान रुस जल्द ही इस सिस्टम को उपलब्ध कराने पर सहमत हो गया है। इसके साथ ही भारत के पास कई सारे हथियार रुस के हैं, टैंक के गोले से लेकर लड़ाकू विमानों से गिराये जाने वाले बम की आपूर्ति जल्द करने का आग्रह किया गया है, सेना ने भी एंटी टैंक मिसाइल की मांग की है, रुस इन सभी हथियारों की जल्द आपूर्ति करने वाला है।

अमेरिका हर मोर्चे पर साथ
भारत का नया रणनीतिक साझेदार अमेरिका भारत को हर मोर्चे पर मदद देने के लिये तैयार है, वो फिलहाल खुफिया से लेकर सैटलाइट इमेज भारत को मुहैया करा रहा है, सैटलाइट इमेज के जरिये लद्दाख सीमा पर चीन की सारी हरकतें दुनिया के सामने आ रही है, इसके साथ ही अमेरिका ने भारत को हर तरह के मदद का आश्वासन भी दिया है।