देवशयनी एकादशी आज, अगले चार माह तक नहीं होंगे शुभ काम, भूलकर भी ये गलती ना करें

आज से अगले 4 महीने तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जा सकेगा । देवशयनी एकादशी के दिन कुछ काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए, आगे पढ़ें ।

New Delhi, Jul 01: एक जुलाई यानी आज, बुधवार को देवशयनी एकादशी है । आज के बाद अगले 4 महीने तक कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होंगें । इसके बाद 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी के बाद ही किसी भी प्रकार के शुभ कार्य संपन्‍न होंगे । लॉकडाउन के कारण टलने वाली शादियों के लिए अब इस साल नवंबर और दिसंबर का ही महीना होगा, उसमें भी मुहूर्त बहुत कम हैं। दिसंबर में 15 तारीख से पौष मास की शुरुआत होगी, जिसमें मांगलिक कार्य नहीं होते।

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देवशयनी एकादशी
देवशयनी एकादशी को आषाढ़ी एकादशी, हरिशयनी और पद्मनाभा एकादशी नाम से भी जाना जाता है । इसे भगवान विष्णु vishnu का शयन काल माना जाता है । अर्थात, इस दिन से देव शयन को चले जाते हैं । पुराणों के अनुसार इस दिन से भगवान विष्णु पूरे चार मास के लिए क्षीरसागर में शयन करते हैं । इसी कारण, देवश्‍यनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ हो जाते हैं और अगले चार महीनों तक किसी भी मांगलिक कार्य पर रोक लग जाती है ।

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ये काम ना करें
देवशयनी एकादशी के दिन कुछ बातों का ध्‍यान रखें । इस दिन चावल नहीं खाना चाहिए । ऐसी मान्‍यता है कि चावल  खाने से व्यक्ति का मन चंचल होता है और प्रभु भक्ति में मन नहीं लगता है । इसके साथ ही एकादशी को बिस्तर पर नहीं, जमीन पर सोना चाहिए । ये दिन भगवान विष्‍णु की पूजा का दिन है, इस दिन मांस और नशीली वस्तुओं का सेवन भूलकर ना करें । नहा-धोकर ही कुछ ग्रहण करें ।

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भगवान विष्‍णु के मंत्र
एकादशी को संध्‍या काल में भगवान विष्‍णु के मंत्रों का उच्‍चारण करें । इससे आपको बहुत लाभ होगा । श्रीहरी के मंत्रों का जाप तुलसी या चंदन की माला से करना श्रेष्ठ और शुभ फलदायी माना गया है।
संकल्प मंत्र:
सत्यस्थ: सत्यसंकल्प: सत्यवित् सत्यदस्तथा।
धर्मो धर्मी च कर्मी च सर्वकर्मविवर्जित:।।
कर्मकर्ता च कर्मैव क्रिया कार्यं तथैव च।
श्रीपतिर्नृपति: श्रीमान् सर्वस्यपतिरूर्जित:।।
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का मंत्र:
सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत सुप्तं भवेदिदम।
विबुद्धे त्वयि बुध्येत जगत सर्वं चराचरम।
भगवान विष्णु क्षमा मंत्र:
भक्तस्तुतो भक्तपर: कीर्तिद: कीर्तिवर्धन:।
कीर्तिर्दीप्ति: क्षमाकान्तिर्भक्तश्चैव दया परा।।