पुलिस की नौकरी छोड़ राजनीति में आये थे रामविलास पासवान, ‘मौसम वैज्ञानिक’ के नाम दर्ज है विश्व रिकॉर्ड
सामने एक बेहतर करियर होने के बावजूद जब स्थानीय लोगों ने रामविलास पासवान से चुनाव लड़ने के लिये कहा, तो वो मना नहीं कर पाये।
New Delhi, Jul 05 : बिहार और देश के सबसे कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान आज 74वां जन्मदिन मना रहे हैं, राजनीति में करीब 50 साल बिता चुके पासवान को मौसम वैज्ञानिक कहा जाता है, इसकी प्रमुख वजह है, पासवान पिछली तीन सरकारों में मंत्री रहे हैं, फिर चाहे सरकार बीजेपी की हो या कांग्रेस की, वो चुनाव से ठीक पहले पलटी मार जाते हैं, हालांकि उनका राजनीतिक सफर इतना आसान नहीं रहा है।
इलाके के हीरो
आज से करीब 51 साल पहले 22 साल की उम्र में सिविल सर्विस परीक्षा पास कर रामविलास पासवान बिहार के खगड़िया स्थित अपने गांव पहुंचे थे, जहां चौराहे पर उन्हें भीड़ दिखी, एक दलित व्यक्ति को 150 रुपये नहीं लौटाने के लिये एक शख्स पीट रहा था, तब रामविलास को बिहार पुलिस में नौकरी का प्रस्ताव मिला था, अपनी उसी हनक का इस्तेमाल करते हुए पहले उस दलित व्यक्ति को बचाया, फिर जिस आदमी ने पैसे ना लौटाने का आरोप लगाया था, उसकी अकाउंट बुक ही फाड़ दी, इस घटना के बाद रामविलास पासवान उस इलाके के हीरो बन गये।
राजनीतिक सफर
सामने एक बेहतर करियर होने के बावजूद जब स्थानीय लोगों ने रामविलास पासवान से चुनाव लड़ने के लिये कहा, तो वो मना नहीं कर पाये, वो संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी की ओर से अलोली सीट से उपचुनाव लड़े, ये उनका पहला चुनाव था, इसमें उन्होने कांग्रेस के एक बड़े नेता को 700 वोटों से हराया था, यहीं से पासवान का राजनीतिक सफर शुरु हुआ।
सबसे ज्यादा वोटों से जीतने का रिकॉर्ड
पिछले 50 सालों में पासवान 9 बार सांसद रहे, वो शतरंज को अपना पसंदीदा खेल बताते हैं, वो कहते हैं कि उन्होने हमेशा सही कदम उठाये हैं, जिसकी वजह से कई सरकारों में मंत्री रहे, रामविलास पासवान के नाम एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है, वो हाजीपुर से 1977 में 4.25 लाख वोटों से जीते थे, 1989 में उन्होने फिर 5.05 लाख वोटों से जीतकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया।