Opinion: विकास सहित 99% लोग मानते थे कि इसका एनकाउंटर होगा, शोक मनाने की आवश्यकता नहीं

समझ लीजिए , विकास की जगह बिलाल होता तो वह भी हूरो की महफ़िल पहुँचा दिया गया होता । दलित पिछड़े के मसीहा भीमवादियो को भी जवाब मिला कि …

New Delhi, Jul 10: ज्यादा क़ानूनची होने की जरूरत नही , सिद्धांत बतियाने का समय नही , शोक मनाने की आवश्यकता नहीं । विकास ज्ञात कुख्यात अपराधी था । शांतिपूर्ण गिरफ्तारी पर हंगामा मचाने वाले अब एनकाउंटर पर तिलमिला रहे हैं। विकास सहित 99 फीसदी लोग मानते थे कि इसका एनकाउंटर होगा । 90फीसदी लोग इसकी मौत मांग रहे थे। अब मौत मिली है तो बिलबिला रहे हैं ।

Advertisement

अदालत अपनी जगहंसाई खुद करा रहा है। जिसका फैसला अदालत को करना था उसका फैसला योगी कर रहे हैं। अदालत को हिन्दू मन्दिरो , संस्थाओ , आस्थाओं , रिवाजों, परम्पराओ को रेगुलेट करने से फुर्सत रहे तब न । उन्हें याकूब को आधी रात में न्याय देने , रोहिंग्यो को शरण देने , कसाब को बिरयानी खिलवाने और आतंकवादियों को तारीख पर तारीख देने से फुरसत मिले तब न । कल तक महाकाल मंदिर में विकास की गिरफ्तारी पर उसे बचाने की बात कर रहे चैनल वीर उसकी मौत पर भभके पड़े हैं ।

Advertisement

भैया कुछ तो अपनी कहे का इज्जत रखो। शेखुलर बिरादरी और शांतिप्रिय समुदाय कल तक चीख रहे थे कि विकास की जगह बिलाल होता तो क्या होता ? समझ लीजिए , विकास की जगह बिलाल होता तो वह भी हूरो की महफ़िल पहुँचा दिया गया होता । दलित पिछड़े के मसीहा भीमवादियो को भी जवाब मिला कि योगी , जात – पात , धर्म – विधर्म , स्वार्थ – स्नेह , अपने – पराये से हटकर कोई जीव हैं । गनीमत मनाइए कि जोगी देश का नेतृत्व नही कर रहे हैं वरना केरल से कश्मीर तक और गुवाहाटी से गुजरात तक अपराधियो और आतंकियों की ऐसी ही ठुकाई होती और मानवाधिकार वाले छाती पीटते रहते ।

Advertisement

एक साल पहले आज के ही दिन मैंने भारत के लिए असीन विराथु जैसे धर्मोपदेशक पैदा होने का आह्वान किया था । विराथु ने म्यामार को रोहिंग्या आतंक से मुक्त कराया था । आज लग रहा है कि भारत का विराथु योगी ही बन सकते है। । दोनों में बहुत समानता भी है । भाइयो , कल को जाकर उत्तर प्रदेश पुलिस किसी तबरेज को ठोक दे तो शोर मत करना क्योंकि योगी की नजर में विकास और बिलाल बरोबर है।
(वरिष्ठ पत्रकार योगेश किसलय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)