एक शर्त पर अड़े हैं सचिन पायलट, कांग्रेस दिग्गजों को घुटने पर ला दिया, ‘चाणक्य’ ने 15 बार किया फोन
सचिन पायलट अशोक गहलोत को सीएम मानने के लिये बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं, उन्होने पार्टी हाईकमान के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि वो या तो खुद मुख्यमंत्री बनेंगे, या किसी तीसरे को सीएम के रुप में देखना चाहेंगे।
New Delhi, Jul 14 : राजस्थान में गहलोत सरकार में अभी भी सबकुछ ठीक नहीं दिख रहा है, सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार शाम कैमरे के सामने अपने विधायकों की परेड कराकर सरकार सुरक्षित दिखाने की कोशिश की है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें डर लग रहा है कि उनके खेमे के कुछ विधायक सचिन के साथ जा सकते हैं, क्योंकि सचिन पायलट के कई विधायकों से अच्छी दोस्ती है, इसी वजह से गहलोत ने विधायकों को अपने घर जाने की इजाजत नहीं दी है, दूसरी ओर सचिन को मनाने की कवायद तेज हो गई है, बताया जा रहा है कि डिप्टी सीएम को मनाने के लिये पूरी कांग्रेस घुटने पर आ गई है, लेकिन पायलट के तेवर कम नहीं हो रहे हैं।
सीएम मानने को तैयार नहीं
सूत्रों का दावा है कि सचिन पायलट अशोक गहलोत को सीएम मानने के लिये बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं, उन्होने पार्टी हाईकमान के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि वो या तो खुद मुख्यमंत्री बनेंगे, या किसी तीसरे को सीएम के रुप में देखना चाहेंगे। सूत्रों के अनुसार बीती शाम से अब तक सचिन पायलट को मनाने के लिये कई कांग्रेस नेता फोन कर चुके हैं, बताया जा रहा है कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद एक बार सचिन से बात की है, जबकि प्रियंका गांधी ने अब तक 4 बार फोन किया है, सचिन को मनाने के लिये अहमद पटेल 15 बार कॉल कर चुके हैं, जबकि पी चिदंबरम ने भी 6 बार बात की है, इसी तरह वेणुगोपाल से भी पायलट की तीन बार बात हुई है।
पार्टी कर रही पेशकश
सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस हाईकमान की ओर से उन्हें अतिरिक्त तथा मनपसंद मंत्रालय देने की पेशकश की गई है, ये भी आश्वासन दिया गया है कि फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी भी उनके पास ही रहेगी, लेकिन सचिन पायलट अशोक गहलोत को सीएम की कुर्सी की हटाने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।
अब भी समय है
बार-बार विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट तथा उनके समर्थक विधायकों को बुलाकर ये संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि अब भी समय है, पार्टी में वापस सम्मान के साथ लौट आइये, पार्टी सूत्रों का कहना है कि जितना लचीलापन सचिन पायलट के लिये गांधी परिवार दिखा रहा है, उतना किसी भी राजनेता के लिये नहीं दिखाया गया है, हालांकि इसके बावजूद सचिन अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।