विकास दुबे के खिलाफ FIR दर्ज कराने वाला शख्स लापता, पुलिस टीम जांच में जुटी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने कहा कि राहुल तिवारी शिकायतकर्ता होने के साथ-साथ उन घटनाओं से जुड़े मामले का मुख्य गवाह भी है।

New Delhi, Jul 14 : यूपी के विकरु शूटआउट केस में गैंगस्टर विकास दुबे के मारे जाने के बाद अब नया मोड़ आ गया है, विकास के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने वाला शख्स राहुल तिवारी लापता हो गया है, राहुल द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर पर ही तीन सुबह की सुबह पुलिस टीम विकास दुबे को गिरफ्तार करने विकरु गांव गई थी, डीएसपी देवेन्द्र मिश्रा के नेतृत्व में गई टीम पर हमला कर दिया गया, जिसमें देवेन्द्र मिश्रा समेत 8 जवान शहीद हो गये, इस मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब नई जानकारी सामने आई है।

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राहुल तिवारी लापता
विकास दुबे के खिलाफ शिकायत देने वाले राहुल तिवारी के परिजनों के मुताबिक वो लापता है, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने कहा कि राहुल तिवारी शिकायतकर्ता होने के साथ-साथ उन घटनाओं से जुड़े मामले का मुख्य गवाह भी है, जिनके कारण ये शूटआउट हुआ, कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु ने कहा कि राहुल तिवारी की जान को खतरा है, डिप्टी एसपी सुकर्म प्रकाश की अगुवाई में एक टीम राहुल तिवारी की तलाश कर रही है।

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2 जुलाई से ही लापता
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राहुल तिवारी की मां सुमन देवी ने कहा कि राहुल ने आखिरी बार उनसे 2 जुलाई की रात बात की थी, उसने फोन पर डरी हुई आवाज में बात की थी, Vikas constable जिसके बाज अपनी पत्नी, बच्चों तथा भाभी के साथ गायब हो गया, मालूम हो कि पुलिस जांच के मुताबिक विकरु से सटे जडेपुर निवाड़ा गांव में रहने वाले राहुल तिवारी, मोनिका निवाड़ा गांव में अपनी ससुराल से संबंधित जमीन विवाद को निपटाना चाहता था, मोनिका की बहनों ने जमीन बिक्री का विरोध किया था, उनमें से एक प्लॉट विकरु में था, 1 जुलाई को राहुल तिवारी को विकास दुबे ने सार्वजनिक रुप से धमकी दी थी, फिर पिटाई की थी, अगले दिन उसने चौबेपुर थाने में तत्कालीन थानाध्यक्ष विनय तिवारी को लिखित शिकायत दी थी।

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डीएसपी के हस्तक्षेप से एफआईआर
पुलिस के मुताबिक चौबेपुर थाना प्रभारी ने शिकायत दर्ज करने के बजाय राहुल तिवारी को अपने साथ चलने के लिये कहा, साथ ही विकास दुबे से सुलह के लिये मुलाकात कराई, vikas 56 इस घटना के बाद 2 जुलाई की शाम बिल्हौर सर्कल अधिकारी डीएसपी देवेन्द्र मिश्रा के हस्तक्षेप पर एफआईआर दर्ज किया गया, कुछ घंटे बाद ही डीएसपी ने एक टीम को इकट्ठा किया, जिसमें तीन पुलिस थानों के 25 पुलिस वाले शामिल थे, फिर विकास दुबे के घर पर दबिश की तैयारी की गई, जहां विकास ने अपने गुर्गों के साथ पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी।