वंशवाद पर बहस में गोविंदा की एंट्री, आउटसाइडर्स के साथ सौतेलापन, 4-5 लोग चला रहे बिजनेस

बॉलीवुड स्टार गोविंदा ने कहा कि मैं अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हैं कि एक्टिंग एक कला है, लेकिन हमने इसे बिजनेस बना दिया है।

New Delhi, Jul 20 : सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से सोशल मीडिया पर फिल्म इंडस्ट्री में वंशवाद और खेमेबाजी को लेकर जबरदस्त बहस चल रही है, इसके साथ ही आउटसाइडर्स के साथ बुरे बर्ताव को लेकर भी तरह-तरह के खुलासे हो रहे हैं, अब दिग्गज एक्टर गोविंदा भी इस बहस में कूद पड़े हैं, उन्होने बताया कि डेब्यू के बाद उन्हें क्या-क्या झेलना पड़ा है, साथ ही उन्होने फिल्म इंडस्ट्री में कई कैंप होने की बात भी की, उनका मानना है कि पहले टैलेंट को मौका मिलता था, लेकिन अब फिल्म इंडस्ट्री सिर्फ 4-5 लोगों की बपौती हो गई है, वो इसे बिजनेस समझकर चला रहे हैं।

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संघर्ष बेहतर इंसान बनाता है
एक समय बॉलीवुड के बड़े सितारों में गिने जाने वाले गोविंदा अब फिल्मों में कम ही नजर आते हैं, उनका कहना है कि जहां संघर्ष हमें बेहतर इंसान बनाता है, हम इससे कैसे निपटते हैं, ये हमें परिभाषित करता है, उन्होने अपने हालिया इंटरव्यू में पूरे फिल्मी करियर को लेकर बात की, हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार गोविंदा ने कहा कि उनके माता-पिता निर्मला देवी और अरुण कुमार आहूजा के फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े होने के बाद भी उन्हें संघर्ष करना पड़ा।

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घंटों तक करना पड़ा था इंतजार
गोविंदा ने बताया कि मेरा माता-पिता के फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने तथा मेरे 21 साल की उम्र में आने के बीच 33 सालों का अंतर था, जब मैं बॉलीवुड में आया था, तो कई नये प्रोड्यूसर आ चुके थे, जो मेरे परिवार के बारे में नहीं जानते थे, मुझे उनसे मिलने के लिये घंटों इंतजार करना पड़ता था, मैं समझ चुका था कि वो इस तरह बात और बर्ताव क्यों करते हैं, लेकिन मैंने कभी इसे अपने और अपनी कला के बीच आने नहीं दिया।

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फिल्म इंडस्ट्री में रहने के लिये
गोविंदा ने कहा कि एक समय मुझे लगा कि मैं सफल नहीं हो पाऊंगा, लेकिन फिर मैंने राज कपूर, जितेन्द्र, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना जैसे सुपरस्टार के स्ट्रगल से सबक लिया, फिल्म इंडस्ट्री में सही नजरिया होना बेहद जरुरी है, या तो मेहनत करो या फिर लोगों की बातों से निराश हो जाओ, लोगों ने मुझसे कहा कि राजनीति में जाना मेरा गलत फैसला था, लेकिन उसके बाद भी मैंने फिल्में की, और उन फिल्मों ने अच्छा प्रदर्शन भी किया।

4-5 लोग चला रहे बिजनेस
बॉलीवुड स्टार ने कहा कि मैं अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हैं कि एक्टिंग एक कला है, लेकिन हमने इसे बिजनेस बना दिया है, कलाकार इंसान है, कोई प्रोडक्ट नहीं, उन्हें स्वीकार करो, जिनके पास प्रतिभा है, पहले उसे काम मिलता था, हर फिल्म को थिएटर में समान अवसर मिलता था, लेकिन अब सिर्फ 4-5 लोग ही इस बिजनेस को चला रहे हैं, वो तय करते हैं कि जो लोग उनके करीबी नहीं हैं, उनकी फिल्म सही से रिलीज होगी या नहीं, मेरी कई फिल्मों के साथ भी ऐसा ही हुआ।

बेटी पर क्या बोले
वंशवाद की बहस के बीच अपनी बेटी टीना आहूजा के फिल्म इंडस्ट्री में आने को लेकर गोविंदा ने कहा कि मैं उसके बारे में ज्यादा बात नहीं करता हूं, उम्मीद है कि चीजें कुछ अलग होगी, वो अपना रास्ता खुद बना रही है, और जब उसका समय आएगा, तो वो खुद आगे बढेगी।