पक्ष या विरोध में आएगा हाई कोर्ट का फैसला, तो गहलोत और पायलट गुट के पास क्या बचेगा रास्ता, फटाफट जानिये

अभी हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है, दोनों पक्षों की ओर से दलीलें दी जा रही है, बीते दिन अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी बात रखी, आज मुकुल रोहतगी अपना पक्ष रखेंगे।

New Delhi, Jul 21 : राजस्थान की सियासी लड़ाई अब कोर्ट पहुंच चुकी है, विधानसभा स्पीकर के नोटिस के खिलाफ पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट खेमा ने हाई कोर्ट का रुख किया है, जिस पर सुनवाई जारी है, लेकिन हर किसी की नजर इस बात पर है, कि अब आगे किया होगा, क्या गहलोत अपनी सरकार बचा पाएंगे, या फिर तख्ता पलट होगा, ऐसे में फैसले के बाद दोनों गुटों की ओर से किस तरह का कदम उठाया जा सकता है, आइये इन संभावनाओं पर एक नजर डालते हैं।

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अगर फैसला गहलोत के पक्ष में रहा तो
सीएम अशोक गहलोत अगर सचिन पायलट समेत सभी 19 विधायकों को अयोग्य घोषित करवा सकते हैं, या फिर कुछ विधायकों को अयोग्य घोषित करवा सकता हैं और जिन विधायकों की वापसी संभव है, उनके लिये विधानसभा अध्यक्ष अपना फैसला रोक लेंगे। ashok gahlot उसके बाद सीएम गहलोत को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना होगा, बहुमत साबित करने के बाद सचिन पायलट के खिलाफ कठोर फैसला लिया जा सकता है, उन्हें पार्टी की सदस्यता से भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। हालांकि फैसले के खिलाफ सचिन पायलट खेमे के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प रहेगा।

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अगर पायलट के पक्ष में फैसला आता है तो
अगर हाई कोर्ट सचिन पायलट के फेवर में फैसला देता है, तो ये उनके खेमे के लिये राहत की बात होगी, उनके साथ गये विधायकों का मनोबल बढेगा, पायलट गुट खुलकर सीएम गहलोत से टकरा सकेंगे, क्योंकी उन्हें अपनी सदस्यता की चिंता नहीं रहेगी, पायलट खेमा उम्मीद कर रहा है कि जब उनका गुट मजबूत होगा, विधायकों को लगेगा कि सचिन की पहुंच दिल्ली तक है, तो कुछ और विधायक उनके साथ आ सकते हैं।

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सुनवाई जारी
आपको बता दें कि अभी हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है, दोनों पक्षों की ओर से दलीलें दी जा रही है, बीते दिन अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी बात रखी, आज मुकुल रोहतगी अपना पक्ष रखेंगे, ऐसे में सबकी निगाहों हाईकोर्ट पर टिकी हुई है, कोर्ट से इतर अशोक गहलोत सचिन पायलट पर निजी हमला कर रहे हैं, मंगलवार को एक बार फिर से कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है, जिसमें विधानसभा सत्र तथा आगे की रणनीति पर चर्चा हो सकती है।