पहली बार हुआ ऐसा, जब तीन सगी बहनें बनीं IAS, हरियाणा की मुख्‍य सचिव का पद भी संभाला

एक ही परिवार की तीन सगी बहनों ने आईएस बनकर इतिहास रच दिया, परिवार के साथ राज्‍य का नाम भी इतिहास के पन्‍नों में दर्ज करा दिया ।

New Delhi, Jul 23: क्‍या आप जानते हैं, देश में तीन ऐसी सगी बहनें भी हैं जिन्होने अपनी कामयाबी की नई इबारत लिखी है, युवा लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं ये तीनों बहनें । खास बात ये कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के इतिहास में यह पहला मौका है जब तीनों बहनें अपने सूबे के अफसरों के मुखिया यानी कि मुख्य सचिव की कुर्सी पर भी काबिज हुईं ।

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कामयाबी की मिसाल
ये तीन बहनें हैं केशनी आनंद अरोड़ा, मीनाक्षी आनंद चौधरी और उर्वशी गुलाटी । तीनों, पंजाब विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पद से रिटायर हुए जेसी आनंद की बेटियां हैं । तीनों ने ही आईएएस बनकर पिता का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया । केशनी आनंद अरोड़ा वर्तमान में हरियाणा के मुख्य सचिव पद पर सेवाएं दे रही हैं, इनसे पहले इसी पद पर बड़ी बहन मीनाक्षी आनंद चौधरी और उर्वशी गुलाटी भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं।

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जानिए, आईएएस केशनी आनंद अरोड़ा के बारे में …
मुख्य सचिव, हरियाणा केशनी आनंद 1983 बैच की आईएएस अधिकारी हैं । 30 जून 2019 को उन्‍होने हरियाणा की मुख्य सचिव का पदभार संभाला है । वो अब अपने रिटायरमेंट, 30 सितंबर 2020 तक इस पद पर सेवाएं देती रहेंगी । केशनी हरियाणा की 33वीं और पांचवीं महिला मुख्य सचिव हैं । उनसे पहले उनकी दो बहनों के अलावा साल 2007-2008 में आईएएस प्रोमिला इस्‍सर और साल 2014 में शकुंतला जाखू भी मुख्य सचिव ​की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं ।

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बड़ी बहनें रहीं प्रेरणा
केशनी आनंद अरोड़ा की बड़ी बहनें उनके लिए आदर्श रहीं । मीनाक्षी आनंद चौधरी और उर्वशी गुलाटी के नक्शे कदम पर चलकर वो भी आज मुख्य सचिव के पद तक पहुंची हैं । उनकी सबसे बड़ी बहन मीनाक्षी, 1969 बैच की आईएएस अधिकारी रहीं थीं, वहीं दूसरी बहन उर्वशी, 1975 बैच की आईएएस अधिकारी रह चुकी हैं । केशनी ने एक इंटरव्‍यू में बताया था कि उनका परिवार मूलरूप से रावलपिंडी (पाकिस्तान) का रहने वाला है। भारत का जब विभाजन हुआ तो वो पंजाब आ गए । उन्‍होने बताया कि उस समय घर के हालात उतने अनुकूल नहीं थे, बड़ी बहन मीनाक्षी ने 10वीं पास की थी तो रिश्तेदारों ने उनकी शादी के लिए माता-पिता पर दबाव डालना शुरू कर दिया । लेकिन उनकी मां ने पढ़ाई को तवज्‍जो दी । केशनी कहती हैं कि हमारे समाज में लोग महिलाओं को अहम पदों पर बैठते हुए देखने के आदी नहीं हैं, लेकिन हमारे परिवार ने तीनों बहनों को पढ़ने-लिखने का भरपूर अवसर दिया । और आज तीनों ही बहनें समाज में अपने परिवार का नाम ऊंचा कर रही हैं ।