जंगलों में लगी भीषण आग, 3 अरब से ज्यादा जंगली जानवर और पक्षी हो गए खाक
प्रकृति के प्रकोप से बेजुबान कैसे बचें, फिर वो बाढ़ हो आग हो या ज्वालामुखी विस्फोट । मासूम जानवरों के हताहत होने की सबसे बड़ी खबर आगे पढ़ें ।
New Delhi, Jul 30: प्रकृति का प्रकोप जानवरों पर कहर बनकर टूटता है, ना वो अपनी जान बचाने को कुछ कर पाते हैं और ना ही उन्हें मदद मिल पाती है । ऑस्ट्रेलिया के जंगल इस साल भीषण आग से झुलस रहे हैं, इस आग की भयावह तस्वीरें पशु प्रेमियों को अंदर तक चीर रही हैं । जंगलों लगी ये अब तक की सबसे भयानक आग में से एक है, इस आगे में 300 करोड़ जानवर और पक्षी जलकर खाक हो गए हैं । यह आंकड़े जानवरों के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-ऑस्ट्रेलिया द्वारा जारी किए गऐ हैं ।
वैज्ञानिकों की टीम ने की रिसर्च
ताजा आंकड़ा जनवरी में ऑस्ट्रेलियाई स्तनधारी विशेषज्ञ प्रोफेसर क्रिस डिकमैन की ओर से दिए गए अनुमान के लगभग तीन गुने हैं । डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-ऑस्ट्रेलिया की ओर से वैज्ञानिकों की एक टीम गठित की गई थी, जिसे 2019-20 में जंगलों में आग से मारे गए या फिर विस्थापित हुए जानवरों की सही संख्या का अनुमान प्राप्त करने को कहा गया था । इस टीम ने मंगलवार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट जारी की है ।
3 अरब जानवर खाक
इस रिपोर्ट में दिल दहलाने वाले आंकड़े सामने आए हैं । आग से प्रभावित हुई 11.46 मिलियन हेक्टेयर भूमि की जांच में पाया गया है कि लगभग 3 अरब देशी जानवर जंगलों में मौजूद लकड़ियों की वजह से जल गए । जिसमें 143 मिलियन मैमल्स, 2.46 बिलियन रेपटाइल्स, 180 मिलियन बर्डस और 51 मिलियन फ्रॉग शामिल हैं जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे आग की चपेट में आ गए थे । डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डर्मोट ओ गोरमैन ने कहा – ‘दुनिया में कहीं भी ऐसी दूसरी घटना के बारे में सोचना मुश्किल है, जिसमें कई जानवर मारे गए या विस्थापित हो गए । इसे आधुनिक इतिहास में सबसे खराब वन्यजीव आपदा कहा गया है ।
सटीक आंकड़ा बताना मुश्किल
हालांकि सिडनी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने मंगलवार को ये भी कहा कि कितनी जानवरों की मौत हुई है इसकी सटीक पुष्टि नहीं की जा सकती है । वन्यजीवों के बचने की संभावनाएं उन्हें मिलने वाले भोजन और आश्रय की कमी पर निर्भर करता है । झाड़ियों ने पर्यावरण को पूरी तरह से बदल दिया है और देशी जैव विविधता को समाप्त कर दिया है ।