राजनाथ सिंह से बात करने के लिये होटल तक पहुंच गये थे चीनी रक्षा मंत्री, 80 दिन में तीन बार मांगा समय

पूर्वी लद्दाख को लेकर दोनों देशों के बीच बढे तनाव के दौरान भारत के रुख को देखते हुए चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे किसी भी हालत में भारत के रक्षा मंत्री से बात करना चाहते थे।

New Delhi, Sep 06 : रुस की राजधानी मास्को में शंघाई सहयोग संगठन बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंघे ने कई बार मुलाकात का अनुरोध किया था, दोनों देशों के बीच बातचीत हो सके, इसके लिये चीनी रक्षा मंत्री उस होटल तक पहुंच गये, जहां राजनाथ सिंह ठहरे हुए थे, दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच दो घंटे तक चली इस बैठक में भारत ने जहां चीन को सभी मुद्दों पर दो टूट जवाब दिया, वहीं उनके झूठे दावों की पोल भी खोल दी।

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बात करने चाहते थे
पूर्वी लद्दाख को लेकर दोनों देशों के बीच बढे तनाव के दौरान भारत के रुख को देखते हुए चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे किसी भी हालत में भारत के रक्षा मंत्री से बात करना चाहते थे। चीनी रक्षा मंत्री की बातचीत की जरुरत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि दोनों नेता जब टेबल पर बैठे तो फेंघे ने कहा कि वो पिछले 80 दिनों में तीन बार बातचीत का अनुरोध कर चुके हैं। पिछले सप्ताह जिस तरह से भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिण में कई अहम मोर्चे पर कब्जा किया है, उसके बाद चीन के सामने बातचीत के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं दिखता है।

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दो टूक शब्दों में जवाब
दोनों देशों के बीच चल रही तनातनी के बीच हुई इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कड़े शब्दों में कहा कि पूर्वी लद्दाख में तनाव का एक मात्र कारण चीनी सैनिकों का आक्रामक रवैया है, राजनाथ सिंह ने चीन को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा, तो भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिये किसी भी हद तक जाने को तैयार है। उन्होने कहा कि चीन के सैनिकों ने सीमा पर बनी यथास्थिति को बदलने की कोशिश की है, राजनाथ सिंह ने सीमा पर चीन की तरफ से बड़ी संख्या में फौजियों को भेजने का मुद्दा भी उठाया।

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शांति-स्थिरता से तनाव हो सकता है कम
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को सलाह देते हुए कहा कि अगर उसे भारत के साथ अच्छे संबंध रखने हैं, तो सीमा पर शांति और स्थिरता लानी होगा, चीन को ऐसा व्यवहार करना होगा, जिससे आपसी मतभेद कभी विवाद का रुप ना ले सके, रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों की सेनाओं को उनके नेताओं के बीच बनी सहमतियों के अनुसार कदम उठाने चाहिये, द्विपक्षीय रिश्तों में आगे बढने के लिये भारत-चीन सीमा पर शांति और स्थिरता जरुरी है, इसलिये दोनों पक्षों को अपने मतभेदों को विवाद का रुप नहीं देना चाहिये।