चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिये भारतीय सेना ने 1 महीने पहले ही शुरु की थी तैयारी, ये है Inside Story

दो अगस्त की मीटिंग के बाद चीन ने मानने के लिये तैयार नहीं था कि उसने पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे में भारतीय क्षेत्र का उल्लंघन किया है।

New Delhi, Sep 13 : पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पिछले करीब 4 महीने से तनाव बरकरार है, कई मोर्चे पर भारत तथा चीन की सेना आमने-सामने है, लेकिन 29-30 अगस्त की रात यहां के पैंगोंग त्सो झील के पास जो कुछ भी हुआ, उसे चीन लंबे समय तक याद रखेगा, भारतीय सेना ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को पीछे धकेल कर रणनीतिक रुप से कई बेहद अहम पोस्ट पर कब्जा कर लिया है, कहा जा रहा है कि इस दौरान भारतीय सेना ने 4 किमी अंदर घुसकर 500 चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया था, अब यहां के कई डोमिनेटिंग हाइट्स पर भारत ने कब्जा कर लिया है, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन पर आक्रमण की तैयारी एक महीने पहले शुरु हुई थी, लिहाजा हमारी सेना को ऐसी चोटी पर पैर जमाने में कामयाबी मिली, जहां ना तो भारत और ना ही चीन का पहले कब्जा था।

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बात से नहीं माना चीन
इंडियन एक्सप्रेस के रिपोर्ट के अनुसार सेना ने ऑपरेशन के लिये एक महीने पहले योजना तैयार की थी, अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है, China कि सेना को इस हमले के लिये दिल्ली से पहले ही हरी झंडी मिल गई थी, दरअसल चीन सीमा से अपने सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा था, तीस जून को कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता सफल रही, इसके बाद गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर सैनिकों की वापसी भी हुई, उम्मीद की जा रही थी, कि सारे सैनिक पीछे चले जाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, 14 जुलाई को चौथे दौर की वार्ता में ये साफ हो गया, कि चीन गोगरा पोस्ट और हॉट स्प्रिंग इलाकों से पूरी तरह से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिये तैयार नहीं था, इसके अलावा चीन सेना पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट से भी पीछे हटने को तैयार नहीं थी।

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चीन को सबक सिखाने के लिये सैन्य कार्रवाई
दो अगस्त की मीटिंग के बाद चीन ने मानने के लिये तैयार नहीं था कि उसने पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे में भारतीय क्षेत्र का उल्लंघन किया है, ऐसे में भारत को लगा कि चीन को सबक सिखाने के लिये अब सैन्य कार्रवाई ही एकमात्र विकल्प था, अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि बॉर्डर पर हमले को लेकर जो प्लानिंग की गई थी, उसकी जानकारी काफी कम लोगों को थी, दो हफ्ते पहले पूरा खाका तैयार कर लिया गया था, किन स्थानों पर कब्जा करना है और कैसे आगे बढना है, हर चीन की बारीकी से योजना तैयार की गई थी।

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हर यूनिट को अलग जिम्मेदारी
अखबार ने सेना के बड़े अधिकारी के हवाले से छापा है कि हर यूनिट को अलग-अलग हाइट्स पर कब्जा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, इस अहम मिशन में स्पेशल फ्रंटियर फोर्स, इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस, तथा भारतीय सेना को लगाया गया था, एसएफएफ के कमांडो इस स्पेशन मिशन को लीड कर रहे थे, मालूम हो कि अब हेलमेट टॉप, ब्लैक टॉप और येलो बंप पर आर्मी, आईटीबीपी और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स ने कब्जा कर लिया है, चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के दक्षिण छोर पर स्थित पोस्ट 4280 और पश्चिमी छोर पर डिगिंग एरिया और चुती चामला साफ-साफ भारतीय सैनिकों को नजर आ रहा था।