इस दिन पीपल पर न चढ़ाएं जल, नहीं तो रहेंगे जीवन भर कंगाल, जानें क्या है कारण

पीपल का पेड़ बड़ा शुभ मामना जाता है, लेकिन इस पर जल चढ़ाने के लिए एक दिन बहुत ही अशुभ माना गया है । जानें, कौन सा है वो दिन ।

New Delhi, Oct 05: शास्‍त्रों में पीपल के पेड़ को बहुत ही शुभ माना गया है । पीपल की पूजा, जल चढ़ाने की परंपरा का हिंदू धर्म के लोग पालन भी करते हैं और इस पेड़ की अहमियत को भी जानते हैं । ऐसी मान्‍यता है कि पीपल के पेड़ की परिक्रमा, पूजा अर्चना करने से भक्‍तों की सारी इच्छाएं पूरी होती है । लेकिन वहीँ एक दिन ऐसा भी है कि जिस दिन इस पेड़ पर जल चढ़ाने की आपने गलती कर दी तो समझिए आर्थिक रूप से कंगाली तय है ।

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पुण्‍यकारी है पीपल का पेड़
हिन्दू धर्म में पीपल का पेड़ अधिक पूजनीय माना गया है, इस पेड़ पर देवताओं का वास माना गया है । पीपल को विश्ववृक्ष, चैत्य वृक्ष और वासुदेव भी कहा जाता है । श्रीमद्भागवत गीता में स्‍वयं भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि ‘वृक्षों में मैं पीपल हूं’ । शास्‍त्रानुसार पीपल की जड़ में ब्रह्मा, तने या मध्य भाग में भगवान विष्णु और पीपल के अग्र भाग में भगवान शिव स्‍वयं वास करते हैं । इसके फलों में सभी देवताओं का वास होता माना गया है । अथर्ववेद और छान्दोग्योपनिषद् में पीपल के पेड़ के नीचे देवताओं का स्वर्ग बताया गया है ।

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नियमानुसार हो पीपल की पूजा
इसी कारण वश ऐसा कहा गया है कि पीपल के पूरे पेड़ की पूजा होनी चाहिए, विधि-विधान और नियम पूर्वक पीपल की पूजा करने से मन की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं । जो भी इन नियमों के तहत पीपल की पूजा नहीं करता है उसे जीवन भर कष्ट ही भोगना पड़ता है । आगे पढ़ें पीपल के पेड़ की पूजा में क्‍या करना चाहिए और किस दिन जल नहीं चढ़ाना चाहिए ।

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मिलेगा लाभ, लेकिन एक बात का रखें ध्‍यान  
अमावस्या और शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे हनुमान चालिसा का पाठ करने से बहुत लाभ मिलता है, शनिवार को रात के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से मनुष्य के जीवन में खुशहाली आती है। मनुष्य को सभी जगह सफलता भी मिलती है । जबकि रविवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना वर्जित माना गया है । यदि कोई ऐसा करता है तो उसके जीवन में कंगाली आ जाती है । रविवार के दिन कभी भी पीपल के पेड़ पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए ।