सोयाबीन, ये लोग भूलकर भी ना करें इसका सेवन, होंगे दुष्‍परिणाम

प्रोटीन से भरपूर सोयाबीन सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकती हैं । आगे जानें, किन लोगों को इसका सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए ।

New Delhi, Oct 09: सोयाबीन की बडि़यां, जिसे दाल से तैयार किया जाता है । लेकिन सोयाबीन की ये दाल तिलहन की कैटेगरी में रखा जाता है । क्‍योंकि इसका तेल बहुतायत में प्रयोग होता है । सोयाबीन से ही सोयाबीन के चंक्‍स तैयार किए जाते हैं, सोया सॉस भी इसके शेष पदार्थों से तैयार किया जाता है । सोयाबीन से सोया मिल्‍क भी तैयार किया जाता है जो शहरों में बहुत ही लोकप्रिय है । सोयाबीन और सोया से बनने वाले खाद्य पदार्थों के कई फायदे आपने आज तक सुने ओर पढ़े होंगे, आज हम आपको बता रहे हैं इसे खाने से होने वाले नुकसान के बारे में । खासतौर से उन लोगों के बारे में जिन्‍हें इन्‍हें नहीं खाना चाहिए ।

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सोयाबीन से होने वाले नुकसान
सोयाबीन को लेकर हुई एक रिसर्च कहती है कि सोयाबीन का बहुत अधिक मात्रा में सेवन करना सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है । कुछ बीमारियों में सोयाबीन खाना खतरे से खाली नहीं । डॉक्‍टर्स भी इन बीमारियों में सोया का सेवन सही नहीं मानते हैं । क्‍योंकि इनका असर शरीर में जहर समान होता है । ये एक धीमे जहर की तरह शरीर को धीरे – धीरे खोखला करता जाता है ।

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दिल और शुगर की बीमारी 
सोयाबीन को आमतौर पर सबके लिए बेहतर माना गया है, लेकिन एक ताजा रिसर्च कहती है कि ये दिल के मरीजों के लिए हेल्‍दी नहीं है । इसमें ट्रांस फैट होते हैं जो हार्ट के पेशेंट को नुकसान पहुंचा सकते हैं । इसका इस्‍तेमाल करना दिल को और कमजोर कर सकता है । वहीं अगर आप डायबिटीज से पीडि़त हैं तो सोया प्रोडक्‍ट्स आपके लिए नहीं है । हफ्ते में एक से दो बार इनका सेवन किया जा सकता है । आपके परिवार में अगर किसी को मधुमेह है तो ये आपको भी हो सकता है । सोया प्रोडक्‍ट से दूर रहने में ही भलाई है ।

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प्रेग्‍नेंसी में परहेज
रिसर्च के मुताबिक प्रेग्‍नेंट महिलाओं को भी सोयाबीन का सेवन नहीं करना चाहिए । इसको डायजेस्‍ट करना थोड़ा पेचीदा है, इसलिए गर्भावस्‍था में सोयाबीन खाने के बाद आपको उल्‍टी या मितली आ सकती है । ब्रेस्‍टफीड कराने वाली मांओं को भी सोयाबीन के सेवन से बचना चाहिए ।

किडनी प्रॉब्‍लम 
एक्‍सपर्ट के मुताबिक सोयाबीन और इससे बने पदार्थों में फीटोएस्ट्रोजन नाम का एक रासायनिक तत्‍व मिलता है । आमतौर पर ये नुकसान नहीं पहुंचाता लेकिन किडनी को जरूर कमजोर करता है । ये कैमिकल किडनी के लिए स्‍लो प्‍वॉइजन है ।