जानें कौन हैं खुशबू सुंदर? क्‍या BJP ज्‍वॉइन करने के लिए भेजा सोनिया गांधी को इस्‍तीफा?

एक्‍ट्रेस और कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर ने सोनिया गांधी को इसतीफा भेज दिया है, उन्‍होंने कांग्रेस में उच्‍च पदों पर बैठे नेताओं को लेकर आरोप लगाए हैं ।

New Delhi, Oct 12: टॉलीवुड एक्‍ट्रेस खुशबू सुंदर के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। खुशबू ने कांग्रेस के बड़े नेताओं पर आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी को अपना इस्‍तीफा भेज दिया है । पार्टी ने खुशबू को तत्काल प्रभाव से एआईसीसी प्रवक्ता के रूप में हटाने के निर्देश दिये हैं। अब ऐसा माना जा रहा है कि खुशबू जल्द कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो सकती हैं। खुशबू सुंदर ने साल 2014 में डीएमके का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ पकड़ा था । कुछ समय से उनके बीजेपी प्रेम की खबरें सुर्खियों में हैं ।

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पॉपुलर एक्‍ट्रेस हैं खुशबू
29 सितंबर 1970 को जन्मी खुशबू ने हिंदी फिल्म ‘द बर्निंग ट्रेन’ (1980) से एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया था। खुशबू ‘नसीब’, ‘लावारिस’, ‘कालिया’, ‘दर्द का रिश्ता’ और बेमिसाल जैसी फिल्मों का भी हिस्सा थीं। 1985 में, उन्होंने ‘जानू’ में जैकी श्रॉफ के साथ एक्टिंग की । 1990 में बनी फिल्‍म ‘दीवाना मुझ सा नहीं’ में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । खुशबू ने तमिल फिल्मों में खूब काम किया है, मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों में भी हाथ आजमाया । 50 वर्षीय खुशूब 200 से अधिक फिल्मों में काम कर चुकी हैं । बड़े से बड़े एक्‍टर के साथ अभिनय के रंग दिखा चुकी हैं ।

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2014 में कांग्रेस ज्‍वॉइन की
खुशबू सुंदर ने 2014 में कांग्रेस का दामन थामते हुए कहा था कि ‘आखिरकार मैं अपने घर आ गई हूं। कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो भारत के लोगों के लिए अच्छा और देश को एकजुट कर सकती है।’ लेकिन कांग्रेस ने 2014 में उन्हें न तो लोकसभा का टिकट दिया और न ही उन्हें राज्यसभा का सदस्य ही बनाया । साल 2019 में भी उन्‍हें एक बार फिर नजरअंदाज कर दिया गया । पार्टी से खुशबू की नाराजगी तब से अब तक जारी है । उन्‍होंने अपने इस्‍तीफे में सोनिया गांधी को लिखा है – ‘कुछ तत्व पार्टी के भीतर उच्च स्तर पर बैठे हैं, जिनका जमीनी हकीकत या सार्वजनिक मान्यता से कोई जुड़ाव नहीं है, वे आदेश दे रहे हैं।’

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नई शिक्षा नीति का समर्थन
खुशबू कुछ समय पहले से ही कुछ मुद्दों पर कांग्रेस के आधिकारिक रुख से अलग राय जाहिर कर रही थीं। कुछ समय पहले जब देश में नई शिक्षा नीति आई तो उन्होंने पार्टी के रुख से इतर नयी शिक्षा नीति का समर्थन किया था। जबकि कांग्रेसी इसका विरोध कर रहे थे । उनके इस्‍तीफे के बाद खबरें तेज हैं कि वह भाजपा में शामिल हो सकती हैं। खुशबू ने लिखा कि वह पार्टी में किसी पद की लालसा या प्रसिद्धि पाने के लिए नहीं जुड़ी थीं और 2014 के चुनाव में हार के बाद जब पार्टी अपने बुरे दौर से गुजर रही थी, तब उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ली थी। खुशबू ने लिखा कि काफी सोच-विचार के बाद वह पार्टी से अपना नाता तोड़ रही हैं।