700 कैदियों में 1 टीवी, तीनों समय बाहर से आता था खाना, जेल में काटे दिनों के बारे अर्णब ने कही ऐसी बात!

अर्णब ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस वाले अलग-अलग जेल में रखकर मुझे तोड़ना चाहते थे, लेकिन मैं संघर्षों से निकला आदमी हूं, इतनी आसानी से टूटने वाला नहीं हूं।

New Delhi, Nov 16 : सुसाइड के लिये उकसाने के आरोप में रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने 4 नवंबर को गिरफ्तार किया था, गिरफ्तारी के बाद अर्णब को तलोज सेंट्रल जेल में रखा गया था, इसी जेल में कई दुर्दांत अपराधी और अंडरवर्ल्ड से जुड़े गैंगस्टर भी कैद हैं, तलोज जेल को अंडरवर्ल्ड का नया अड्डा भी कहा जाता है, अर्णब को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जमानत पर रिहा कर दिया गया है।

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जेल में कैसे बिता समय
जेल से रिहा होने के बाद अर्णब गोस्वामी ने बताया कि जेल में बिताये 8 दिन कैसे रहे, अर्णब ने रिपब्लिक भारत पर टेलीकास्ट होने वाले शो पूछता है भारत में जेल की अपनी आपबीती सुनाई, उन्होने बताया कि 8 दिनों की हिरासत के तहत उन्हें दो अलग-अलग जेलों में रखा गया, Arnab Goswami taloja jail 1 पहले अलीबाग के जिला जेल में 2 दिनों के लिये रखा गया, फिर वहां से तलोजा सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया।

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आसानी से टूटने वाला नहीं
अर्णब गोस्वामी ने कहा कि तलोजा सेंट्रल जेल में अबू सलेम और अबू जिंदाल जैसे अपराधी भी थे, अर्णब ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस वाले अलग-अलग जेल में रखकर मुझे तोड़ना चाहते थे, लेकिन मैं संघर्षों से निकला आदमी हूं, इतनी आसानी से टूटने वाला नहीं हूं, मैं जेल में और मजबूत हुआ। उन्होने कहा कि जेल के जिस सेल में वो रहते थे, उससे 20 मीटर की दूरी पर एक टीवी लगा था, ये टीवी मेरे सिवा 700 अन्य कैदियों के लिये भी था, बकौल अर्णब टीवी पर वह साफ-साफ कुछ देख तो नहीं पाते थे, लेकिन आवाज क्लियर सुनाई देती थी।

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जेल में खाना
अर्णब ने बताया कि लोगों को उन्हें इतना सपोर्ट मिला, कि कुछ लोग तो रोज उनके लिये खाना भी लेकर आते थे, अर्णब के मुताबिक रोज सुबह, दोपहर और शाम को लोग जेल में उनके लिये खाना लेकर आते थे। टीवी पत्रकार ने कहा कि जेल में बिताये 8 दिन उनकी जिंदगी के सबसे सार्थक दिन रहे, एक-एक दिन उनके जीवन का सबसे यादगार दिन बन गया है।