दिखने लगा बिहार चुनाव का साइड इफेक्ट, चिराग की मां नहीं जाएगी राज्यसभा?
चिराग पासवान ने बिहार में जदयू से अलग होकर ना सिर्फ चुनाव लड़ा था, बल्कि पूरे चुनावी समर में नीतीश और उनकी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था।
New Delhi, Nov 25 : लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को उग्र तेवर दिखाकर बिहार चुनाव लड़ने तथा शर्मनाक प्रदर्शन करने का खामियाजा अब केन्द्र में भुगतना पड़ सकता है, पिता रामविलास पासवान राज्यसभा सदस्य तथा मोदी सरकार में मंत्री थे, उनके नहीं रहने के बाद अब चर्चा है कि चिराग अपनी मां रीना पासवान को राज्यसभा भेजना चाहते हैं, लेकिन इसके लिये जरुरी समर्थन मिल पाना मुश्किल लग रहा है।
नीतीश के खिलाफ मोर्चा
चिराग पासवान ने बिहार में जदयू से अलग होकर ना सिर्फ चुनाव लड़ा था, बल्कि पूरे चुनावी समर में नीतीश और उनकी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था, अब बताया जा रहा है कि जदयू राज्यसभा चुनाव में लोजपा के उम्मीदवार को समर्थन देने के मूड में नहीं है, ऐसे में चर्चा ये भी है कि बीजेपी अपना उम्मीदवार उतार सकती है।
बीजेपी के इशारे का इंतजार
चिराग पासवान का कहना है कि अगर बीजेपी कहेगी, तभी वो अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतारेंगे, बीजेपी के सामने धर्मसंकट है, उस पर बिहार चुनाव के दौरान भी ये आरोप लगते रहे कि उनकी शह पर ही चिराग ने नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, ऐसे में अगर बीजेपी चिराग को समर्थन का आश्वासन देती है, तो उस पर उन आरोपों को बल मिलेगा।
लोजपा के लिये राह मुश्किल
ये भी सच है कि अकेले बीजेपी के समर्थन से एनडीए के किसी उम्मीदवार की जीत नहीं होगी, ऐसे में रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट लोजपा के खाते में दोबारा जाने के आसार ना के बराबर हो गये हैं। मोदी कैबिनेट में भी रामविलास पासवान की जगह कोजई लोजपा उम्मीदवार भरेगा, ये भी पहले की तरह पूर्ण निश्चित नहीं है, अगर बीजेपी चिराग या उनकी पार्टी के किसी नेता को मंत्री बनाती है, तो बिहार में जदयू से उसके रिश्ते तनावपूर्ण हो सकते हैं, बीजेपी ये रिस्क उठाने के लिये कितना तैयार है, ये तो देखने वाली बात होगी।