विज्ञान जरूरी है या धर्म? ये जवाब देकर IAS बनीं नेहा बनर्जी, UPSC में रही 20वीं रैंक

इंटरव्‍यू में नेहा बनर्जी से काफी ट्रिकी सवाल पूछे गए, लेकिन वो सबका जवाब चतुराई से देने में सफल रहीं ।

New Delhi, Dec 04: आईएएस नेहा बनर्जी ने यूपीएससी 2019 में 20वीं रैंक के साथ अपने परिवार का नाम रौशन कर दिया है । कोलकाता की नेहा बनर्जी ने अपने और परिवार के सपने को पूरा किया, जॉब के साथ – साथ यूपीएससी की तैयारी चुनौती से कम नहीं थी । लेकिन उन्‍होंने लगन और मेहनत से अपनी मां के सपने को पूरा कर दिखाया । नेहा के पिता साल 2011 में चल बसे थे, मां ने सिंगल पेरेंट के तौर पर उन्हें पाला । नेहा पढ़ाई में हमेशा से ही अच्छी रहीं हैं । यही वजह रही कि पहली ही कोशिश में वो उस मुकाम पर पहुंच गईं जहां तक देश के लाखों बच्‍चे पहुंचने का सपना देखा करते हैं ।

Advertisement

2018 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की
नेहा बनर्जी ने साल 2018 में आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की, इसके बाद वो नोएडा में एक कंपनी में काम करने लगीं । इसी दौरान उन्हें यूपीएससी करने का ख्याल आया । जॉब में रहते हुए परीक्षा की तैयारी नेहा ने बखूबी की । इंटरव्यू से ठीक 15 दिन पहले ही उन्‍होंने नौकरी से रिजाइन किया था । नेहा ने बताया कि इंटरव्यू के लिए भी उन्होंने खुद ही तैयारी की थी ।

Advertisement

नेहा से पूछा गया ऐसा सवाल
एक वीडियो इंटरव्यू में नेहा बताती हैं कि उनसे यूपीएससी के इंटरव्‍यू में ट्र‍िकी क्वेश्चन पूछा गया, सवाल था साइंस या रिलीजन में कौन बड़ा है, मैंने दोनों को अलग-अलग फील्ड कहा तो इंटरव्यूअर ने कहा कि साइंस लॉजिक पर आधारित है और रिलीजन आपके फेथ से जुड़ा है, आप किसे बड़ा मानती हैं । इस पर नेहा ने जवाब दिया – दोनों का अलग अलग रोल है, दोनों को मिक्स क्यों किया जाए. दोनों अलग अलग दिशाएं देती हैं. साइंस हमें अलग तरह से आगे ले जाता है और धर्म हमें अलग तरह से ताकत देता है । नेहा जानती थीं कि जवाब के रूप में उनके व्‍यक्तित्‍व की परख होगी, इसलिए उन्‍होंने ऐसा जवाब दिया । इस जवाब को पैनल ने पसंद किया था ।

Advertisement

इस तरह की तैयारी
नेहा अपनी तैयारी के बारे में बताती हैं कि वो इसे लेकर नर्वस थीं, उन्‍होंने  तैयारी की शुरुआत न्यूजपेपर पढ़ने से की । जब जपेपर पढ़ना अच्छा लगने लगा तो दूसरे चरण में सिलेबस और तैयारी का तरीका समझा । नेहा ने अपील की है कि जो भी युवा इस मंजिल को पाना चाहते हैं, वो सिलेबस को समझकर, प्लानिंग, स्ट्रेटजी और कड़ी मेहनत से पा सकते हैं । कई टॉपर्स की जर्नी ने उन्हें प्रभावित किया ।