सोनिया गांधी के लेटर से खलबली, खतरे में उद्धव सरकार!
सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदायों के विकास के लिये आबादी के अनुपात में बजट का आवंटन करने समेत 4 सूत्री पहल की जाए।
New Delhi, Dec 20 : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी ने एनसीपी की भौवें चढा दी है, सोनिया ने उद्धव को लेटर लिखकर समाजिक तौर पर पिछड़े लोगों से किये वादे पूरे करने की मांग की है, ये बात अब महाराष्ट्र में तीसरी सहयोगी एनसीपी को रास नहीं आ रही है, एनसीपी के बदले तेवर को देखते हुए कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि सोनिया गांधी की चिट्ठी को बातचीत के तौर पर देखा जाना चाहिये, ना कि टकराव के रुप में, एनसीपी के रुख को देखते हुए ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि महाराष्ट्र में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
क्या है लेटर में
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदायों के विकास के लिये आबादी के अनुपात में बजट का आवंटन करने समेत 4 सूत्री पहल की जाए, उन्होने कहा कि कांग्रेस पार्टी दलित, वंचित तथा पिछड़े लोगों के कल्याण के लिये प्रतिबद्ध है, महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार में शामिल होने के कारण हम इन वर्गो के प्रति अपनी हिस्सेदारी के लिये ज्यादा सजग हैं।
सुगबुगाहट तेज
महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर इसलिये भी सुगबुगाहट तेज हो गई है, क्योंकि एक साथ मिलकर सरकार चला रही शिवसेना, एनसीपी तथा कांग्रेस ने जनवरी में होने वाले ग्राम पंचायत चुनावों में अलग-अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। आपको बता दें कि इससे पहले उद्धव ठाकरे ने घोषणा की थी कि महाराष्ट्र में विकास अघाड़ी गठबंधन हर चुनाव एक साथ ही लड़ा करेगी।
सब कुछ ठीक नहीं
मालूम हो कि महाराष्ट्र सरकार में पिछले कुठ समय से सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, कांग्रेस नेता राज्य में सरकार चलाये जाने के तरीके से काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं, प्रदेश के ज्यादातर नेताओं को लगता है कि सरकार शिवसेना और एनसीपी के हाथ में चली गई है, महाराष्ट्र के लिये बनाई जा रही नीतियों में कांग्रेस को शामिल तक नहीं किया जाता है।