आपे से बाहर हुए ट्रंप समर्थक, अमेरिकी संसद में जमकर हिंसा, एक महिला की मौत

अमेरिकी संसद परिसर में ट्रंप समर्थक हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं, यहां उपद्रवियों को रोकने के लिए हुई गोलीबारी में एक महिला की मौत हो गई है ।

New Delhi, Jan 07: अमरिका के इतिहास में आज का दिन काले दिन के रूप में याद किया जाएगा, देश में सत्‍ता हस्‍तांतरण को लेकर ऐसी हालत कभी नहीं दिखी । दरअसल ये हंगामा अमेरिकी कांग्रेस में इलेक्टोरल कॉलेज को लेकर हुई बैठक से पहले देखने को मिला है, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने यहां खूब हंगामा काटा । इस हंगामे और हिंसा की वजह से स्थित काफी बिगड़ गई है, जिसके बाद वॉशिंगटन डीसी में कर्फ्यू तक लागू करना पड़ा ।

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एक महिला की मौत
हंगामे को रोकने के चलते ट्रंप समर्थकों और पुलिस में हिंसक झड़प भी हुई जिसमें कई लोग घायल हो गए हैं । बताया जा रहा है कि इसमें गोली लगने से एक महिला की मौत भी हो गई । यह हंगामा तब हुआ जब अमेरिकी कांग्रेस में इलेक्टोरल कॉलेज को लेकर बहस चल रही थी, मीटिंग में जो बाइडन की चुनावी जीत की पुष्टि की जानी थी । अमेरिका में हुई इस हिंसक घटना की हर कोई निंदा कर रहा है । ऐसा दिन देश में पहले कभी नहीं देखा गया ।

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सोशल मीडिया अकाउंट बंद
हिंसा के चलते राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के सारे सोशल मीडिया अकाउंट बंद कर दिए गए हैं । ट्विटर, इंस्‍टाग्राम ने ट्रंप के अकाउंट पर बैन लगा दिया है । हिंसा के कारण ऐसा कदम उठाया गया है । वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिका के वाशिंगटन में हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि लोकतंत्र में सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण ढंग से होना जरूरी है ।

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राजद्रोह
अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडन ने यूएस कैपिटोल हिल में ट्रंप समर्थकों के हंगामे को राजद्रोह करार दिया है । वहीं उपराष्ट्रपति पेंस ने ट्रंप के इस रवैये को लेकर नाराजगी जताई । दरअसल प्रेसिडेंट इलेक्ट की जीत पर मुहर लगाने के लिए कांग्रेस यानी अमेरिकी संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जाता है, इसकी अध्यक्षता उप राष्ट्रपति करते हैं, उस दौरान कुर्सी पर माइक पेंस थे । ट्रंप समर्थकों की हरकत से वो बेहद खफा दिखे । उन्होंने कहा- यह अमेरिकी इतिहास का सबसे काला दिन है । हिंसा से लोकतंत्र को दबाया या हराया नहीं जा सकता । यह अमेरिकी जनता के भरोसे का केंद्र था, है और हमेशा रहेगा ।