आटा चक्‍की चलाने वाले का बेटा बन गया न्‍यूक्लियर साइंटिस्‍ट, अब्‍दुल कलाम से ली प्रेरणा

हरियाणा के एक युवा ने कमाल कर दिया है, न्‍यूक्लियर साइंटिस्‍ट बनकर पिता का ही नहीं अपने पूरे गांव का नाम रौशन कर दिया है ।

New Delhi, Jan 09: हरियाणा के हिसार जिले के गांव मुकलान की देश भर में चर्चा है, यहां के एक युवक ने कमाल कर दिया है । साधारण से परिवार के इस बेटे ने अपने परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे गांव का नाम रौशन कर दिया है । दरअसल यहां के आटा चक्‍की चलाने वाले का बेटा न्‍यूक्लियर साइंटिस्‍ट बन गया है । गांव मुकलान के अशोक को भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर में परमाणु वैज्ञानिक के तौर पर चुना गया है।

Advertisement

मेहनत और लगन से परीक्षा की पास
परिवार के मुश्किल हालातों के बावजूद अशोक कुमार ने हिम्‍मत का साथ नहीं छोड़ा, अपनी मेहनत से आज वह न्यूक्लियर साइंटिस्ट बन गए हैं । अशोक ने मार्च 2020 में भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर रिक्रूटमेंट की परीक्षाएं दी थी । एक खास बात ये कि अशोक की कामयाबी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कॉरपरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी स्‍कीम यानी कि CSR Scheme का योगदान है। इस स्‍कीम के चलते ही वह अपनी इंजी‍निय‍रिंग की पढ़ाई पूरी कर पाए हैं । अशो के मुताबिक वो अपने गणित के एक शिक्षक का योगदान भी हमेशा याद रखेंगे।

Advertisement

16 जनवरी से होगी ट्रेनिंग शुरू
अशोक का दिसंबर में इंटरव्यू के बाद ओवरऑल रिजल्ट जारी किया गया। जिसमें, अशोक कुमार की ऑल इंडिया सेकंड रैंक आई है । 5 जनवरी को भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की ओर से नतीजे घोषित किए गए । अशोक ने बताया कि पूरे देश से सिर्फ  30 छात्रों का चयन हुआ है ।

Advertisement

आटा चक्‍की चलाते हैं पिता
अशोक के पिता मांगेराम के आटा चक्की चलाकर परिवार का पेट पालते हैं। उनके पास एक एकड़ जमीन है । अपने बेटे की उपलब्धि पर माता-पिता को बहुत गर्व है। पिता मांगेराम ने बताया कि उनका बेटा पढ़ाई में शुरू से ही होनहार था। पैसे ना होने के कारण उन्‍होंने उसे सरकारी स्कूल में ही पढ़ाया और अपनी प्रतिभा की बदौलत अशोक आगे बढ़ा है। अशोक तीन भाई- बहनों में सबसे बड़ा है। अशोक बचपन से ही अब्‍दुल कलाम से प्रेरित थे, उनका सपना डॉ. अब्दुल कलाम जैसा वैज्ञानिक बनने का है।