सिडनी टेस्ट पांचवें दिन होटल के कमरे में पहुंचते ही फूट-फूट कर रो पड़े अश्विन, पत्नी ने बताया सच!

अश्विन की पत्नी ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने लेख में बताया है कि कैसे वो सिडनी टेस्ट के आखिरी दिन मैदान पर नहीं गई।

New Delhi, Jan 14 : सिडनी में भले टीम इंडिया ने जीत हासिल ना की हो, लेकिन ड्रा के बावजूद भारतीय क्रिकेट फैंस लंबे समय तक इस मैच को याद रखेंगे, टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने अपने संयम तथा बेखौफ अंदाज से मैच ड्रा करा लिया, इस मुकाबले को ड्रा कराने में ऑफ स्पिनर अश्विन का बड़ा हाथ था, उन्होने बल्ले से गजब का प्रदर्शन करते हुए कंगारु गेंदबाजों के आग उगलते गेंदबाजों को ठंडा कर दिया, अश्विन ने 128 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 39 रन बनाये, वो हनुमा के साथ करीब तीन घंटे तक बल्लेबाजी करते रहे। अश्विन की ये पारी उनके टेस्ट करियर की सबसे खास लम्हों में से एक है।

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फूट-फूट कर रोए अश्विन
अश्विन की पत्नी ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने लेख में बताया है कि कैसे वो सिडनी टेस्ट के आखिरी दिन मैदान पर नहीं गई, अपने पति को दर्द में खेलते देखना उनके लिये कितना भावुक एहसास था, साथ ही प्रीति ने बताया कि मैच खत्म होने के बाद जब अश्विन होटल के कमरे में आये, तो उनकी भावनाएं चरम पर थी, प्रीति अश्विन ने खुलासा किया, कि मैच से एक रात पहले मैं अपनी दोनों बेटियों के साथ अलग कमरे में सोती हूं, ताकि अश्विन को पूरा आराम मिल सके, सिडनी टेस्ट के पांचवें दिन सुबह जब मैं जगी तो अश्विन भयानक दर्द में थे, अश्विन ने मुझे कहा कि लगता है कि मुझे फिजियो रुम में जाना पड़ेगा, किस्मत से फिजियो का कमरा हमारे बगल में ही था, अश्विन झुक नहीं पा रहे थे, बैठने के बाद सीधे खड़े नहीं हो पा रहे थे, मैं हैरत में थी, क्योंकि मैंने कभी उन्हें इस तरह नहीं देखा था, मैंने उनसे पूछा कि तुम कैसे बल्लेबाजी करोगे, तो उन्होने मुझे जवाब दिया, मुझे नहीं पता, लेकिन मैं कोई हल निकाल लूंगा, बस मुझे मैदान पर जाने दो, तभी हमारी बेटी आध्या ने कहा आज छुट्टी ले लो पापा, जब अश्विन कमरे से ये, तो मुझे लग रहा था कि कुछ घंटों बाद फोन आएगा, कि उन्हें स्कैन के लिये अस्पताल ले जाया गया है।

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स्टेडियम नहीं गई
प्रीति ने बताया कि सिडनी टेस्ट के पांचवें दिन मैं मैदान पर नहीं गई, बायो बबल हमारे लिये फैंस से ज्यादा मुश्किल होता है, क्योंकि हम खिलाड़ियों के साथ रहते हैं, मैं खेल के तीसरे दिन गई थी, लेकिन खेल के आखिरी दिन मैं नहीं जाना चाहती थी, मैं अपने कमरे में थी, और जिंदगी में पहली बार मैंने अपने बच्चों को टीवी देखने की खुली छूट दी, मैंने कहा कि तुम्हें जो देखना है, वो देखो, बच्चों की वजह से मैं कभी-कभार ढंग से मैच नहीं देख पाती थी, लेकिन उस दिन मैंने फैसला किया था कि मैं बिना किसी बाधा के सिडनी टेस्ट का पांचवां दिन देखूंगी।

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पत्नी हुई परेशान
प्रीति ने बताया कि मैंने अपने पति को ड्रेसिंग रुम में खड़ा पाया, मुझे पता था कि अश्विन सोच रहे होंगे, कि अगर वो बैठे, तो खड़े नहीं हो पाएगें, इस बात ने मुझे परेशान कर दिया, मतलब वो अभी अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे, ashwin 41 पेन किलर्स ने अब तक असर दिखाना शुरु नहीं किया था, मेरे दिमाग में ऐसे ही विचार आ रहे थे, जब अश्विन बल्लेबाजी के लिये आये, तो दिमाग में सवाल आया, कि आखिर ये कैसे बल्लेबाजी करेंगे, प्रीति ने आगे बताया कि मुझे अपने पति से क्या उम्मीद करनी चाहिये, इसका मुझे कोई अंदाजा नहीं था, लेकिन जब अश्विन का चेहरा स्क्रीन पर दिखाई दिया, तो मुझे एहसास हुआ, कि वो अपने जोन में जा चुके हैं, मैंने पहले भी कई बार उनके चेहरे पर इस तरह का विश्वास देखा है, मैदान पर गेंद उनकी हाथों पर लगी, कंधे पर लगी और एक बार पसलियों में लगी, फिजियो उनके पास गया, मुझे पता था कि ऑस्ट्रेलिया में ऐसा ही होने वाला है, और वो इस तरह की गेंदें झेलने में सक्षम हैं, लेकिन अश्विन कमर दर्द से जूझ रहे थे, इसलिये मैं चिंता में थी, कि इस तरह की गेंदें उन्हें और मुंश्किल में डाल देगी।