पहले रघुवंश फिर जगदा बाबू, अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ क्यों मोर्चा खोल रहे तेज प्रताप, ये है Inside Story

तेज प्रताप यादव ने उन पर तंज कसते हुए तानाशाह और लालू की बीमारी का एक कारण बता दिया, जगदा बाबू पर गर्म हुए तेज प्रताप के निशाने पर और कई नेता हैं।

New Delhi, Feb 14 : बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर से सुर्खियों में हैं, दरअसल लालू के बड़े लाल ने अपनी ही पार्टी यानी राजद के वरिष्ठ नेताओं को टारगेट पर ले रखा है, तेजू ने शुरुआत राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह पर हमला करने से की, जब रघुवंश बाबू पर पूछे गये सनाल पर उनकी तुलना एक लोटा पानी से कर दी थी, लेकिन इस बार उनके निशाने पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह आ गये हैं।

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जगदा बाबू पर हमला
तेज प्रताप यादव ने उन पर तंज कसते हुए तानाशाह और लालू की बीमारी का एक कारण बता दिया, जगदा बाबू पर गर्म हुए तेज प्रताप के निशाने पर और कई नेता हैं, कहा जा रहा है कि आने वाले समय में शिवानंद तिवारी भी उनके निशाने पर आ सकते हैं, जिन पर तेज प्रताप इस वजह से नाराज हैं, लालू की रिहाई के लिये जो लेटर राष्ट्रपति को लिखा है, उसमें शिवानंद तिवारी ने भी पत्र नहीं लिखा था।

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वरिष्ठ नेताओं पर हमला
दरअसल तेज प्रताप यादव राजद के वरिष्ठ नेताओं पर हमला बोलते रहते हैं, समय-समय पर उनकी गलतियों पर सवाल खड़े करते रहते हैं, खबर ये भी है कि tej pratap yadav कभी राजद के प्रदेश अध्यक्ष (तत्कालीन) रामचंद्र पूर्वे पर अपनी नाराजगी जाहिर करने वाले तेज अब फिर से रामचंद्र पूर्वे को प्रदेश अध्यक्ष की कमान थमाना चाहते हैं, इसका इशारा भी उन्होने जगदानंद सिंह पर हमले के समय किया था, लेकिन तेज प्रताप के जगदानंद सिंह पर हमले पर विपक्षी दलों ने चुटकी ली है।

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विरोधी कस रहे ताना
जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने जगदानंद सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि जगदा बाबू ने अपने तेज प्रताप यादव का स्वागत क्यों नहीं किया, क्या आप सिर्फ तेजस्वी का झोला ढोएंगे, तेज तो कम से कम 12वीं पास है, जबकि तेजस्वी तो सिर्फ नौंवी पास हैं। जदयू नेता अजय आलोक कहते हैं, तेज प्रताप अपने दम पर जगदानंद सिंह पर इतना बड़ा हमला नहीं बोल सकते, जब तक उन्हें ऊपर से किसी का निर्देश ना मिला हो, हो सकता है कि लालू परिवार ही जगदानंद सिंह को अध्यक्ष पद से हटाना चाहता है, शायद उनके कड़े तेवर लालू परिवार को रास नहीं आ रहे।