पिता बनाना चाहते थे इंजीनियर, लेकिन पढाकू अक्षर पटेल बन गये स्पिन मास्टर, दिलचस्प है कहानी!

अक्षर पटेल के पिता चाहते थे कि उनका बेटा इंजीनियर बने, लेकिन 1996-2015 तक खेड़ा जिला क्रिकेट के सचिव और महासचिव संजयभाई पटेल ही थे।

New Delhi, Feb 25 : गुजरात के नाडियाड शहर के रहने वाले बायें हत्था स्पिन गेंदबाज अक्षर पटेल के मां-पिता ने स्कूल में पढाई में होशियार होने के बावजूद बेटे को क्रिकेट खेलने की पूरी छूट दी, अब अक्षर ने टेस्ट क्रिकेट में धूम मचाकर उनके विश्वास को जिंदा रखा है, अक्षर पटेल अपने दूसरे ही टेस्ट मैच में पारी में 6 विकेट हासिल कर विश्व रिकॉर्ड बना दिया है।

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बेटा इंजीनियर बने
अक्षर पटेल के पिता चाहते थे कि उनका बेटा इंजीनियर बने, लेकिन 1996-2015 तक खेड़ा जिला क्रिकेट के सचिव और महासचिव संजयभाई पटेल ही थे, जिन्होने अक्षर के पिता को मनाया कि वो बेटे को क्रिकेट खेलने दें, संजय भाई पटेल ने कहा अक्षर पढाई में काफी होशियार थे, रैंक भी अच्छी थी, उनके माता-पिता चाहते थे कि बेटा इंजीनियर बने, हर माता-पिता चाहता है कि बच्चे का भविष्य उज्जवल हो, मैंने उनके पिता से बात की, और मैं उनके जवाब से खुश था, वो उनमें से थे, जिन्होने अपने बेटे के लिये पढाई से ज्यादा क्रिकेट को तरजीह दी।

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14 साल में कोचिंग
संजयभाई पटेल ने अक्षर को 14 साल की उम्र से ही कोचिंग देना शुरु कर दिया था, अक्षर जिला स्तर पर मैन ऑफ द सीरीज रहे थे, उन्हें बेस्ट बल्लेबाज और बायें हाथ का तेज गेंदबाज का पुरस्कार मिला था, तभी अक्षर ने लेफ्ट ऑर्म स्पिन गेंदबाजी करना शुरु किया था, संजय ने कहा शुरुआत में जूनियर स्तर पर वो लेफ्ट आर्म फास्ट बॉलिंग करते थे, आमतौर पर जब उनकी टीम मैच जीतती थी, तो वो मजे लेने के लिये लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी करते थे, वो दुबले थे, अपनी उम्र के लिहाज से लंबे और स्ट्राइड थे, उनकी सटीकता के कारण उन्हें विकेट मिलने लगे।

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एनसीए में हिस्सा
अक्षर पटेल जब 17-18 साल के थे, तो उन्होने बंगलौर में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में 21 दिवसीय कैंप में हिस्सा लिया था, कोच पटेल के लिये ये बहुत बड़ी बात थी, क्योंकि उनके वार्ड से जब भी कोई राज्यस्तरीय कैप में जाते थे, तो उनसे कहते थे, कि वो अपनी डायरी में कोच के सभी बातों को लिख लें। लेकिन जब अक्षर वापस लौटे, तो उन्होने उनसे उस पेज को फाड़ देने को कहा, जिसमें उन्होने गेंद को हवा में लहराने और फ्लाइट देने का निर्देश दिया था, पटेल ने बाद में अक्षर से कहा,कि वो अपने स्वाभाविक गेंदबाजी के साथ बने रहें।