महाशिवरात्रि: देश में है एक ऐसा चमत्‍कारी शिव मंदिर जो कभी दिखता है तो कभी खुद ही गायब हो जाता है

आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है, देश भर में उत्‍साह के साथ भगवान भोलेनाथ का ये दिन मनाया जा रहा है । जानिए एक रहस्‍यमयी शिव मंदिर के बारे में ….

New Delhi, Mar 11: हमारे देश भारत में हिंदू धर्म से जुड़े कई प्राचीन मंदिर हैं, इनमें से कई गहरे रहस्‍य अपने में समाए हुए हैं । धार्मिक स्‍थलों के प्रति लोगों की आस्‍था गहरी है । देश में उत्‍तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक कई ऐसे मंदिर हैं जहां साल भर भक्‍तों का मेला लगा ही रहता है । भक्‍त यहां मन्‍नतें लेकर ईश्‍वर की शरण तक पहुंचते हैं । बहरहाल आज जानिए एक ऐसे शिव मंदिर भी है जो दिन में एक से दो बार नजरों से ही ओझल हो जाता है, यानी गायब हो जाता है । आगे जानें ….

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स्तंभेश्वर महादेव मंदिर
ये मंदिर है भगवान शिव का मंदिर, स्‍तंभेश्‍वर महादेव का ये मंदिर कावी, गुजरात में स्थित है । आपको शायद ये जानकर हैरानी होगी लेकिन यह मंदिर पल भर के लिए ओझल हो जाता है, फिर थोड़ी देर बाद ही उसी जगह पर वापिस भी आ जाता है । दरअसल यह मंदिर अरब सागर के बिल्कुल सामने है, वडोदरा से 40 मील की दूरी पर स्थित इस मंदिर की खास बात यह है कि आप इस मंदिर की यात्रा तभी कर सकते हैं जब समुद्र में ज्वार कम हो । ज्वार के समय यहां सिथत शिवलिंग पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है ।

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समंदर करता है जलाभिषेक
यह मंदिर अरब सागर में खंभात की खाड़ी के किनारे बना हुआ है, समुद्र के बीच में स्थित होने के कारण इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है । समुद्र के बीचों बीच स्थित होने की वजह से न केवल इस मंदिर का सौंदर्य बढ़ता है बल्कि यहां एक अनोखी घटना भी देखने को मिलती है । जी हां, खुद समुद्र देवता स्वयं भगवान शंकर का जलाभिषेक करते हैं । लहरों के समय शिवलिंग पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है और यह परंपरा सदियों से चली आ रही है । इस मंदिर में शिवलिंग का आकार चार फुट ऊंचा और दो फुट के घेरे वाला है।

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कहलाता है गायब मंदिर
यह मंदिर भारत के सबसे रहस्यमयी मंदिरों में से एक है। स्तंभेश्वर महादेव मंदिर को गायब मंदिर भी कहा जाता है। मंदिर के दर्शन केवल कम लहरों के वक्त ही किए जा सकते है, ऊंची लहरों के समय यह मंदिर डूब जाता है । इसलिए इसे गायब मंदिर कहा जाता है । ऊंची लहरें खत्म होने पर ही मंदिर के ऊपर से धीरे-धीरे पानी उतरता है और फिर मंदिर दिखने लगता है। आपको बता दें इस मंदिर की पौराणिक मान्यता के मुताबिक स्तंभेश्वर महादेव मंदिर में स्वयं शिवशंभु विराजते हैं इसलिए समुद्र देवता स्वयं उनका जलाभिषेक करने आते हैं ।