लड़कियों को बांटे निजी नंबर, बहुरुपिया बन इंस्पेक्टर को पकड़ा, प्रेरणादायक है IPS शिवदीप लांडे की कहानी!

महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले शिवदीप के घर की आर्थिक हालत कुछ खास नहीं थी, गरीबी में बचपन बीता, हालांकि उन्होने मेहनत और लगन से पढाई की।

New Delhi, Mar 15 : कभी वो दुपट्टा ओढ आरोपित को धर लेते, तो कभी बिना हेलमेट बाइक चला रहे लोगों की मोटरसाइकिल के सामने निडरता से खड़े हो जाते, बिना लाइसेंस शराब की दुकानें चला रहे दुकानदारों की धर-पकड़ और ऐसे ही कई कारनामों को अंजाम देने की वजह से आईपीएस अधिकारी शिवदीप वामन लांडे की गिनती सुपर कॉप में होने लगी, कहा जाता है कि बिहार की राजधानी पटना में जब शिवदीप की पोस्टिंग हुई, तो वो अपराधियों और गैर-कानूनी काम करने वालों पर कहर बनकर टूटे।

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गरीबी में बीता बचपन
महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले शिवदीप के घर की आर्थिक हालत कुछ खास नहीं थी, गरीबी में बचपन बीता, हालांकि उन्होने मेहनत और लगन से पढाई की, इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग करने के बाद लेक्चरार भी बने, फिर आईआरएस हो गये। मेधावी छात्र रहे शिवदीप लांडे ने फिर परीक्षा देकर पुलिस सेवा ज्वाइन की, उन्हें 2006 में बिहार कैडर मिला।

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लड़कियों को बांटा नंबर
बिहार में शिवदीप लांडे के नाम कई कारनामे दर्ज हैं, खासकर सड़क छाप लफंगों पर इनकी सख्ती ने कॉलेज और स्कूल जाने वाली लड़कियों के बीच इनकी छवि हीरो की बना दी थी, मनचलों को सबक सिखाने तथा लड़कियों को मदद के लिये किसी भी समय उपलब्ध रहने के लिये उन्होने अपना निजी मोबाइल नंबर लड़कियों के बीच बांटा था, नतीजा ये रहा कि राजधानी की सड़कों से मनचलों का सफाया हो गया, क्योंकि एक शिकायत पर खुद आईपीएस साहब मनचलों को सबक सिखाने पहुंच जाया करते थे।

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माफियाओं से भिड़े
शिवदीप लांडे को अपराधियों से सीधे लोहा लेने के लिये जाना जाता है, यही वजह है कि रोहतास जिले में जब वो पुलिस कप्तान थे, तो अवैध खनन माफियाओं से सीधे भिड़ गये, अवैध खनन माफिया पर कार्रवाई करने के लिये शिवदीप अवैध खनन की मशीनें जब्त करने निकले थे, अचानक अपराधियों ने उन पर फायरिंग शुरु कर दी, बहादुर अधिकारी ने अपनी जान की परवाह किये बिना डटकर उनका सामना किया, कहा जाता है कि करीब तीस राउंड फायरिंग हुई, बाद में शिवदीप ने खुद जेसीबी मशीन संभाली और अवैध खनन के सारे जुगाड़ को तहस-नहस कर दिया, इस दौरान 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

बहुरुपिया बन आरोपित को पकड़ा
सहरसा जिले में डॉक्टरों के लिये आतंक बन चुके संतोष यादव को शिवदीप के नेतृत्व वाले एसटीएफ टीम ने धर दबोचा था, ये उनकी बड़ी उपलब्धियों में से एक है, 10 साल तक बिहार के अलग-अलग जिलों में अपनी सेवा दे चुके शिवदीप दूरदर्शी सोच वाले इंसान माने जाते हैं, उन्हें बहुरुपिया बनकर भी आरोपियों को दबोचने के लिये जाना जाता है। जनवरी 2015 में शिवदीप पटना के डाक बंगला चौराहे पर घूस मांग रहे इंस्पेक्टर सर्वचंद को फिल्मी अंदाज में दुपट्टा ओढकर पकड़ने की वजह से चर्चा में आये थे, यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर सर्वचंद पर आरोप था कि वो पटना के दो व्यापारी भाइयों से एक पुराने केस को खत्म करने के लिये पैसे मांग रहे थे, दोनों भाइयों ने इसकी जानकारी तत्कालीन एसपी शिवदीप लांडे को दी, इसके बाद लांडे भेष बदलकर टीशर्ट पहने और सर पर दुपट्टा लपेटे इंस्पेक्टर सर्वचंद का डाकबंगला चौराहे पर इंतजार करने लगे, सर्वचंद जैसे ही घूस का पैसा लेने वहां पहुंचा, शिवदीप ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया, हालांकि बाद में सबूतों के अभाव में सर्वचंद को छोड़ भी दिया गया, शिवदीप अपनी दबंग स्टाइल की वजह से युवाओं के बीच लोकप्रिय थे, युवा उन्हें दबंग और सिंघम कहकर बुलाते थे, काम करने की उनकी शैली की वजह से लोग उन्हें चुलबुल पांडे भी कहते हैं। बताया जाता है कि एक दोस्त के घर आयोजित पार्टी में शिवदीप की मुलाकात ममता नाम की लड़की से हुई, ये मुलाकात फिर प्यार में बदल गई, दोनों ने 2 फरवरी 2014 को शादी कर ली।