नीतीश और तेजस्वी में आर-पार की लड़ाई, अब करो या मरो आंदोलन की शुरुआत!

जिला प्रशासन ने राजद को 23 मार्च को कोरोना संक्रमण गाइडलाइन के तहत विधानसभा घेराव की अनुमति नहीं दी थी, इसके बावजूद राजद के नेता-कार्यकर्ता आंदोलन के लिये सड़कों पर उतर गये थे।

New Delhi, Mar 30 : राष्ट्रीय जनता दल 23 मार्च के विधानसभा घेराव और उसके बाद बिहार विशेष सशस्त्र बल विधेयक का विरोध के दौरान सरकार की ओर से की गई कार्रवाई से नाराज है, मुख्य विपक्षी पार्टी इस पर एनडीए के साथ दो-दो हाथ करने के मूड में है, राजद की नाराजगी पटना पुलिस की ओर से बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके भाई तेज प्रताप यादव समेत 22 राजद नेताओं के खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज करने को लेकर है, तेजस्वी ने तो इस पर साफ कर दिया है कि वो इस मुकदमे में जमानत नहीं लेंगे, नीतीश कुमार उन्हें गिरफ्तार करा जेल भेंजे।

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विधानसभा घेराव की अनुमति नहीं
दरअसल जिला प्रशासन ने राजद को 23 मार्च को कोरोना संक्रमण गाइडलाइन के तहत विधानसभा घेराव की अनुमति नहीं दी थी, इसके बावजूद राजद के नेता-कार्यकर्ता आंदोलन के लिये सड़कों पर उतर गये थे, पुलिस ने जब उन्हें रोका, तो जबरदस्त हंगामा हो गया, मारपीट और पथराव भी हुए, इसको रोकने के लिये पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।

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करो या मरो आंदोलन
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आंदोलनकारियों के खिलाफ बिहार सरकार हत्या की कोशिश समेत अन्य संगीन आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर रही है, हम इससे डरने वाले नहीं हैं, इस मुद्दे पर अब हम होली के बाद करो या मरो जैसा आंदोलन करेंगे, आपको बता दें कि राजद ने इसको लेकर महागठबंधन नेताओं के साथ राबड़ी देवी आवास पर बैठकर कर अपनी रणनीति को अंतिम रुप दे दिया है, महागठबंधन की बैठक में तय हुआ है, कि सरकार के खिलाफ करो या मरो वाले तेवर में आंदोलन तेज किया जाएगा, राजद नेता श्याम रजक, जगदानंद सिंह और अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी तेजस्वी-तेज प्रताप के फैसले का समर्थन करते हुए कहा, कि हम लोग भी कोर्ट में बेल कराने नहीं जाएंगे, सरकार उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजे।

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लोकतंत्र को लेकर राजद ने की टिप्पणी
इस बैठक के बाद राजद ने सरकार के खिलाफ अपना आंदोलन और तेज कर दिया है, ट्वीट कर गुस्से का इजहार करते हुए अंधेर नगरी चौपट राजा शीर्षक के साथ राजद ने अपने ट्वीट में लिखा है, सीएम ने विपक्ष के विधायकों को कमरे में बंद करवा, मोबाइल छिनवा गुंडे और पुलिस बुलवाकर विधानसभा में लात-घूंसों और डंडों से पिटवा कर घसीटवाया, लेकिन उन पर कोई मुकदमा नहीं किया गया, ये कानून-व्यवस्था और न्याय-व्यवस्था का मजाक है, हमारा लोकतंत्र ही मजाक बन गया है।