इतने भयानक अपराध, 1300 गाडि़यों के काफिले के साथ आया था बाहर, नीतीश को एक बात कहनी पड़ी थी भारी

बिहार के बाहुबली शहाबुद्दीन का निधन हो गया है, तेजस्‍वी यादव ने ट्वीट कर खबर की पुष्टि की है । बहरहाल उसके अपराधों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि इसके आगे गिनती भी घुटने टेक दे।

New Delhi, May 01: आरजेडी के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोराना संक्रमण के कारण निधन हो गया है, उसका इलाज दिल्‍ली के डीडीयू अस्‍पताल में चल रहा था । आरजेडी नेता तेजस्‍वी यादव ने ट्वीट कर इस खबर की पुष्टि की है । तेजस्‍वी ने लिखा है – पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोरोना संक्रमण के कारण असमय निधन की दुःखद ख़बर पीड़ादायक है। ईश्वर उनको जन्नत में जगह दें, परिवार और शुभचिंतकों को संबल प्रदान करें। उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है। दुख की इस घड़ी में राजद परिवार शोक संतप्त परिजनों के साथ है। आगे पढ़ें इस बाहुबली नेता के काले इतिहास के बारे में । शहाबुद्दीन के कारनामों की बात करें तो ए समय तें लोगों में उसका खौफ था, उसके लिए इंसानी जान की कोई कीमत नहीं थी । उसके अपराधों की लंबी फेहरिस्‍त में से कुछ इतने भयानक हैं कि सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं ।

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दो युवकों को तेजाब से नहलाकर मारा
शहाबुद्दीन के गुडों ने साल 2004 में चंदा बाबू के तीन बेटों गिरीश, सतीश और राजीव का अपहरण कर लिया था । जिनमें से गिरीश और सतीश को तेजाब से नहला कर मार दिया गया, मामले के चश्मदीद रहे राजीव किसी तरह जान बचाकर भाग निकलने में कामयाब रहा था । लेकिन साल 2015 में उसकी भी गोली मार कर हत्या कर दी गई । हत्या से महज 18 दिन पहले ही राजीव की शादी हुई थी।

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घर से मिले थे पाकिस्‍तानी हथियार
तेजाब कांड की इस दिल दहलाने वाली वारदात के बाद सिवान के तत्कालीन डीएम सीके अनिल और एसपी एस रत्‍न संजय कटियार ने शहाबुद्दीन के खौफ के खात्‍मे की पूरी तैयारी कर ली थी । दोनों अफसरों ने पूरी प्लानिंग के साथ शहाबुद्दीन के प्रतापपुर वाले घर की घेराबंदी की, लेकिन यहां बाहुबली के समर्थक पहले से ही तैयार बैठे थे । उन्होंने भी पुलिस बल पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी । हालांकि पुलिस टीम ने जबरदस्त तरीके से पलटवार किया। पुलिस ने दावा किया था कि गोलीबारी थमने के बाद जब टीम उसके घर के अंदर दाखिल हुई तो वहां भारी मात्रा में पाकिस्तानी हथियार बरामद हुए थे। कई ऐसे हथियार मिले जिसे केवल पाकिस्तानी सेना प्रयोग करती है। इस रेड में उसके घर से बहुमूल्य जेवरात और नकदी के अलावा जंगली जानवर जैसे शेर और हिरण की खाल भी बरामद हुई थी।

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पुलिस वालों की हत्‍या
इससे पहले साल 2001 में भी बिहार पुलिस ने शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करने की कोशि की थी, इस दौरान शहाबुद्दीन के गुर्गों और पुलिस के बीच करीब 3 घंटे फायरिंग चली थी। इस दौरान 3 पुलिसकर्मी मारे गए थे। 2001 की ही एक ओर घटना है, जब पुलिस ने आरजेडी के स्थानीय अध्यक्ष मनोज कुमार पप्पू के खिलाफ एक वारंट निकाला था । शहाबुद्दीन ने गिरफ्तारी करने आए पुलिस अधिकारी संजीव कुमार को थप्पड़ मार दिया था।
पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड
इसके अलावा सीवान से चार बार आरजेडी सांसद रहे शहाबुद्दीन पर पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या में शामिल में होने का आरोप भी है। 13 मई 2016 की शाम बिहार के सीवान जिले में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बिहार सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

राजनीति में रुतबा
जेल में रहते हुए भी सिवान जिले में शहाबुद्दीन की तूती बोला करती थी । ये तक कहा जाता है कि शहाबुद्दीन की मर्जी के बिना सिवान जिले में आरजेडी का टिकट फाइनल नहीं होता था। इतना ही नहीं शहाबुद्दीन के रुतबे का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि जेल में बंद शहाबुद्दीन को लालू यादव ने पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था। 11 साल बाद 2016 में जब शहाबुद्दीन की जेल से रिहाई हुई थी तक बिहार में महागठबंधन की सरकार थी। उस समय 1300 गाड़ियों के काफिले के साथ वह भागलपुर सेंट्रल जेल से बाहर निकला था । इस दौरान उसके लोग नियमों की धज्जियां उड़ा रहे थे। जिसे लेकर नीतीश सरकार की खूब किरकिरी हुई, सिवान पहुंचने पर शहाबुद्दीन का भव्य स्वागत हुआ। लेकिन मीडिया से बातचीत के दौरान शहाबुद्दीन बोल गया कि वो नीतीश कुमार को अपना नेता नहीं मानते हैं। शहाबुद्दीन की यह बात नीतीश के लोगों को बर्दाश्त नहीं हुआ। बताया जाता है कि इससे नीतीश बहुत चिढ़ गए, बिहार सरकार ने यह फैसला किया है कि शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करवाने के लिए हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। याचिका पर सुनवाई के बाद शहाबुद्दीन की जमानत रद्द हो गई। उसके बाद उसे तिहाड़ जेल भेजा गया।