अजीत सिंह- IIT से इंजीनियरिंग, IBM के साथ काम करने वाले पहले भारतीय, राजनीति में यूं जमाई धाक

अजित सिंह ना सिर्फ सफल राजनेता रहे, बल्कि वो एक अच्छे स्कॉलर भी थे, अजित सिंह ने देश के नाम आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की।

New Delhi, May 06 : राष्ट्रीय लोकदल के लोकप्रिय किसान नेता चौधरी अजित सिंह का निधन देश की राजनीति के लिये एक अपूरणीय क्षति है, 82 वर्षीय अजित सिंह ने गुरुवार सुबह करीब 6 बजे गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली, 22 अप्रैल से ही अजित सिंह कोरोना संक्रमित थे, डॉक्टरों के अनुसार फेफड़ों में संक्रमण की वजह से उनका निधन हुआ, अजित सिंह के निधन पर सीएम योगी समेत तमाम बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

Advertisement

पूर्व पीएम के बेटे
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह का जन्म मेरठ में हुआ था, हालांकि उन्होने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अपने पिता के बीमार होने पर साल 1986 में राज्य सभा सांसद के तौर पर की थी, इसके बाद वो 6 बार लोकसभा सांसद रहे, वो वीपी सिंह, नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी रहे।

Advertisement

कंप्यूटर साइंस में बीटेक थे अजित सिंह
अजित सिंह ना सिर्फ सफल राजनेता रहे, बल्कि वो एक अच्छे स्कॉलर भी थे, अजित सिंह ने देश के नाम आईआईटी खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की, इसके बाद इलेनॉइस इंस्टीट्यूट पफ टेक्नोलॉजी से एमएस की डिग्री हासिल की, अजित सिंह पहले भारतीय थे, जिन्होने 1960 के दशक में आईबीएम कंपनी में नौकरी की।

Advertisement

राजनीतिक सफर
चूंकि चौधरी साहब राजनीतिक पृष्ठभूमि से थे, लिहाजा पिता के बीमार पड़ने पर उन्होने परिवार के राजनीतिक विरासत को संभाला, 1986 में पहली बार राज्यसभा के लिये चुने गये, पूर्व पीएम वीपी सिंह की अगुवाई में बनी केन्द्र की सरकार में पहली बार केन्द्रीय मंत्री बने, उन्होने इंडस्ट्री मिनिस्टर का पदभार संभाला, नरसिम्हा राव सरकार में खाद्य मंत्री रहे, वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली, मनमोहन सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री बने। जनता दल में महासचिव के रुप में राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले अजित सिंह ने 1999 में लोकदल का गठन किया, वो पहली बार 1989 में बागपत से लोकसभा सांसद चुने गये, फिर 2009 तक जितने भी चुनाव हुए, वो जीतते रहे, 2014 में पहली बार हार का सामना करना पड़ा, तब बीजेपी के सतपाल मलिक ने उन्हें हराया, इसके बाद उन्होने 2019 में मुजफ्फरनगर से चुनाव लड़ा, इस बार बीजेपी के संजीब बालियान ने हराया।