वकील से सीएम बनने तक, जानिये असम के नये मुख्यमंत्री का राजनीतिक सफरनामा
असम के नये सीएम सोमवार को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे, असम के नये सीएम को लेकर बीजेपी में इस बार काफी मंथन हुआ, यही वजह है कि हिमंत बिस्वा सरमा और सर्बानंद सोनोवाल दोनों को दिल्ली बुलाया गया।
New Delhi, May 09 : बीजेपी ने पिछले कई दिनों से चल रहे माथापच्ची के बाद आज असम के नये मुख्यमंत्री के तौर पर हिमंत बिस्वा सरमा के नाम का ऐलान कर दिया है, असम का पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गये केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने विधायक दल की बैठक के बाद ये जानकारी दी, असम के नये सीएम सोमवार को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे, असम के नये सीएम को लेकर बीजेपी में इस बार काफी मंथन हुआ, यही वजह है कि हिमंत बिस्वा सरमा और सर्बानंद सोनोवाल दोनों को दिल्ली बुलाया गया, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों से अलग-अलग बात की।
पहले नंबर पर नाम
असम विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद से ही हिमंत का नाम पहले नंबर पर चल रहा था, असम में लगातार दूसरी बार बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने जा रही है, पार्टी का मानना है कि चुनाव को लेकर हिमंत ने जिस तरह से प्रचार किया, उसका असर मतदाताओं पर पड़ा, और बीजेपी को असम में बड़ी जीत हासिल हुई।
कौन हैं नये सीएम
हिमंत बिस्वा सरमा असम की जालुकबारी विधानसभा सीट से लगातार 5वीं बार जीत हासिल करने में सफल रहे, उन्होने 2015 में बीजेपी ज्वाइन की थी, 2016 विधानसभा चुनाव, फिर 2019 लोकसभा चुनाव में उनका अहम रोल रहा, यहां तक हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव से पहले जब सीएए के विरोध में राज्य में प्रदर्शन हो रहे थे, और केन्द्र कोरोना के बढते मामलों को लेकर सवालों के घेरे में थी, ऐसे नाजुक समय में भी हिमंत ने जोरदार चुनाव प्रचार किया, अपनी बात वोटरों तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की, 2016 में असम विधानसभा चुनाव जीतने के ठीक बाद हिमंत को बीजेपी ने नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस का अध्यक्ष बनाया था।
वकील से सीएम तक का सफर
हिमंत बिस्वा सरमा का जन्म 1 फरवरी 1969 को गुवाहाटी में हुआ, हिमंत के परिवार में मां मृणालिनी पत्नी रिनिकी भुयान और दो बच्चे हैं, हिमंत की शुरुआती पढाई कॉटन कॉलेज गुवाहाटी से हुई, फिर पॉलिटिकल साइंस से पीजी किया, यहां से छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय हुए। वो 1991-92 में कॉटन कॉलेज के जनरल सेक्रेटरी बने, फिर गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से एलएलबी किया, गुवाहाटी कॉलेज से पीएचडी की डिग्री ली, कानून की डिग्री हासिल करने के बाद हिमंत ने 5 साल तक गुवाहाटी हाईकोर्ट में वकालत की, पहली बार 2001 में जालुकबारी सीट से जीत हासिल की, असम की पिछली सरकारों में वित्त, कृषि, स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण जैसे अहम मंत्रालयों को संभाला, तत्कालीन सीएम तरुण गोगोई से विवाद के बाद जुलाई 2014 में उन्होने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।