लापरवाही से मौत मामले में डॉक्‍टरों के बचाव में उतरा बहनोई, शोक में डूबी पत्‍नी रूचि का करारा जवाब

रुचि शर्मा ने अपने पति रोशन की मौत के लिए अस्‍पताल की लापरवाही को जिम्‍मेदार ठहराया था, मामले में उनके बहनोई अस्‍पताल का बचाव कर रहे हैं ।

New Delhi, May 12: भागलपुर की रुचि शर्मा आज सुर्खियों में है, दरअसल रुचि के परि रौशन की कोविड से अस्‍पताल में मौत हो गई है । जिसके बाद, रुचि ने पति की मौत को अस्पतालों की लापरवाही बताया था । रुचि ने भागलपुर और पटना के माने हुए अस्‍पताल पर अव्‍यवस्‍था, बदइंतजामी का आरोप लगाया । हालांकि मामले में अब महिला के बहनोई और अस्पताल प्रशासन ने प्रतिक्रिया दी है, जिसका जवाब रुचि ने भी दिया है ।

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राजेश्वर अस्पताल की ओर से जारी किया गया वीडियो
पटना के राजेश्‍वर अस्‍पताल के मैनेजर सतेंद्र सिंह ने फेसबुक पर रिलीज किए गए एक वीडियो में कहा कि रोशन दास को 26 अप्रैल को अस्पताल लेकर आया गया था, उनकी हालत बेहद गंभीर थी । ऑक्सीजन लेवल 60-70 ही था और उन्हें तुरंत भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया था । इलाज के दौरान उनके परिजनों के द्वारा किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की गई थी । सिंह ने बताया कि उनके अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई किल्लत नहीं है और हमें सरकार का पूरा सपोर्ट मिल रहा है । सिंह का कहना है कि रोशन दास की पत्नी के आरोपों के बाद कोरोना काल में लगातार मेहनत कर रहे अस्पताल के स्टाफ का मनोबल टूटा है, उनके सभी आरोप बेबुनियाद हैं ।

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रुचि के बहनोई ने दिया अस्‍पताल का साथ
वही इस मामले में अस्पताल में सॉफ्टवेयर का काम कर रहे रुचि शर्मा के पति रौशन के बहनोई ने भी अस्पताल की काफी तारीफ की है । उन्‍होंने फेसबुक पर वीडियो जारी कर कहा कि बिहार के कुछ क्षेत्रों में ऑक्सीजन की किल्लत हो सकती है लेकिन उनके अस्पताल में इसकी कोई कमी नहीं है । उन्होंने कहा कि कर्मचारी से लेकर सीनियर डॉक्टर्स,  मरीजों के एक-एक मिनट का हाल इस अस्पताल में लेते हैं । दुर्भाग्य से रोशन को नहीं बचाया जा सका । लेकिन कर्मचारी के रूप मे, डॉक्टर के रुप मे इतना ज्यादा मेहनत करने के बाद भी अगर इस तरह का सलूक होता है तो ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है ।

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शोक में डूबी रुचि शर्मा का जवाब
वहीं इस मामले में रौशन की पत्नी रुचि शर्मा ने वीडियो बनाकर हर आरोप का जवाब दिया है । उन्होंने कहा कि इस मामले में मैं कहना चाहती हूं कि रोशन के बहनोई संतोष कुमार दास ने उन्हें 26 तारीख को भर्ती कराया था और वे फिर वहां से चले गए थे, इस मामले में उसी शख्स का बयान माना जाए जो आईसीयू में रोशन के साथ 13-14 दिन मौजूद रहा जो कि मैं हूं । संतोष कुमार के बयान को नहीं क्योंकि वे वहां थे ही नहीं । रुचि ने कहा कि मुझे सरकार से शिकायत नहीं है, ना ही अस्पताल के मालिक से और ना ही सतेन्द्र सर से । मुझे सिर्फ अस्पताल के स्टाफ से शिकायत है, अस्पताल में डॉक्टर से लेकर स्वीपर तक, भ्रष्टाचार में लिप्त है ।

ऑक्‍सीजन की किल्‍लत के कारण मौत
रूचि ने कहा, मेरे पति क्रिटिकल थे । इसके बावजूद लापरवाही के चलते एक पूरी रात को दवा ही नहीं दी गई थी । मेरे पति की मौत सुबह 5 बजे हुई थी, उन्‍हें सुबह 4 बजे उन्हें ऑक्सीजन की किल्लत होने लगी थी । मेरे भाई ने उस समय संतोष कुमार दास को फोन किया था कि रोशन को ऑक्सीजन की दिक्कत हो रही है, उस समय उन्होंने कहा था कि अभी तो नहीं हो पाएगा और मेरा पति ऑक्सीजन की कमी से ही मर गया । ऐसे में अगर कोई कह रहा है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत नहीं है, तो वो सरासर झूठ कह रहा है ।