नये समीकरण बनाने में जुटी ममता बनर्जी, पारंपरिक सीट से लड़ेगी उपचुनाव, शोभनदेव देंगे इस्तीफा
नंदीग्राम सीट पर शुभेन्दु अधिकारी ने 2016 में लेफ्ट उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया था, अपनी जीत बरकरार रखते हुए इस बार उन्होने ममता बनर्जी को हराया है।
New Delhi, May 21 : इस बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर को छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला लिया था, टीएमसी से बीजेपी में शामिल हुए शुभेन्दु अधिकारी ने उन्हें हरा दिया, अब सूत्रों का दावा है कि ममता अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर से उपचुनाव लड़ेगी, रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही यहां से विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय इस्तीफा दे देंगे, सूत्रों का कहना है कि शोभनदेव को राज्यसभा भेजा जा सकता है।
इस्तीफा देने जा रहा
भवानीपुर विधायक से बात की गई तो उन्होने कहा कि ये पार्टी का फैसला है, वो इसका पालन करेंगे, कृषि मंत्री चट्टोपाध्याय ने न्यूज एजेंसी से कहा, मैं आज भवानीपुर सीट से विधायक के तौर पर इस्तीफा देने जा रहा हूं, ये मेरा और पार्टी का फैसला है, मैं प्रसन्नतापूर्वक इसका पालन कर रहा हूं, सूत्रों ने कहा कि 70 वर्षीय चट्टोपाध्याय खरदाह सीट से किस्मत आजमा सकते हैं, जहां पार्टी विधायक काजल सिन्हा के निधन से सीट खाली हुई है।
ममता को मात
नंदीग्राम सीट पर शुभेन्दु अधिकारी ने 2016 में लेफ्ट उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया था, अपनी जीत बरकरार रखते हुए इस बार उन्होने ममता बनर्जी को हराया है, दूसरी ओर ममता बनर्जी लंबे समय से भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ती रही हैं, ये उनका गृह क्षेत्र है, वो भवानीपुर में ही अपना वोट भी डालती हैं और उनका घर भी वही है।
जनता को संदेश
रिपोर्ट के मुताबिक इस बार ममता बनर्जी को लगा था कि उनका जनाधार कम हो रहा है, इसी वजह से उन्होने बीजेपी को सीधी चुनौती देने के लिये नंदीग्राम सीट का चुनाव किया, ताकि जनता के बीच ये संदेश जा सके, कि दीदी अभी भी लड़ने के लिये तैयार है, वैसे भी ममता दीदी का राजनीतिक इतिहास रहा है, वो अपने लिये टफ सीट चुनती हैं। बता दें कि भवानीपुर सीट पर 60 फीसदी से ज्यादा गैरबंगाली हिंदू वोटर हैं, यहां गुजरात और मारवाड़ के बिजनेसमैन भी बड़ी संख्या में रहते हैं, हालांकि इस बार भी टीएमसी के उम्मीदवार शोभनदेव ने जीत हासिल की, इससे पहले वो रास बिहारी सीट से लड़ा करते थे।