हमास से समझौते पर अपने ही देश में घिरे बेंजामिन नेतन्याहू, कहा घुटने टेक दिए

पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गाजा पट्टी में 11 दिनों के सैन्य अभियान को रोकने के लिये एकतरफा सीजफायर को मंजूरी दे दी है, इजरायली कैबिनेट ने इसकी पुष्टि की है।

New Delhi, May 21 : इजरायल-फिलिस्तीन के बीच 11 दिन चले संघर्ष के बाद बृहस्पतिवार रात को संघर्ष विराम का ऐलान कर दिया गया, जिसके बाद फिलिस्तीन में जश्न का माहौल है, संघर्ष विराम लागू होने के बाग गाजा सिटी में लोग सड़कों पर निकल आये, जश्न मनाया, हमास ने इसे अपनी जीत बताया है, लेकिन सीजफायर को लेकर इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अपने ही देश में घिर गये हैं, नेतन्याहू के कुछ करीबी राजनीतिक सहयोगियों समेत कई दक्षिणपंथी सांसदों ने उन्हें हमास के साथ संघर्ष विराम को लेकर आगाह किया है।

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सीजफायर का ऐलान
पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गाजा पट्टी में 11 दिनों के सैन्य अभियान को रोकने के लिये एकतरफा सीजफायर को मंजूरी दे दी है, इजरायली कैबिनेट ने इसकी पुष्टि की है, असल में नेतन्याहू ने गाजा में चल रहे सैन्य अभियानों के साथ-साथ विदेशी नेताओं की ओर से सीजफायर के लिये राजनयिक प्रयासों पर चर्चा के लिये गुरुवार शाम को हाई लेवल सुरक्षा मीटिंग बुलाई, जिसमें कैबिनेट के मंत्रियों ने सीजफायर के पक्ष में मतदान किया।

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नेतन्याहू की आलोचना
टाइम्स ऑप इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार कैबिनेट में मतदान से पहले न्यू होप के नेता गिदेयोन सार ने नेतन्याहू सरकार की सीजफायर की योजना की आलोचना की है, उन्होने कहा कि सीजफायर हमास और दूसरे आतंकी गुटों के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई को गंभीर रुप से नुकसान पहुंचाएगा। गिदेयोन सार ने कहा कि हमास को मजबूत होने से रोकने, गाजा में बंधक बनाये गये इजरायली सैनिकों और नागरिकों की बगैर वापसी सीजफायर करना राजनीतिक नाकामी होगी, भविष्य में ब्याज समेत इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी, मुखर सहयोगी माने जाने वाले गिदेयोन सार अब इजरायली पीएम नेतन्याहू के बड़े आलोचक बन चुके हैं, उन्होने नेतन्याहू के साथ दक्षिणपंथी सरकार के गठन से भी इंकार कर दिया है।

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एक और विफलता
पूर्वी यरुशल में अल-अक्सा मस्जिद में झड़प के बाद से पिछले 11 दिनों में हमास और फिलिस्तीन के अन्य चरमपंथी गुटों ने इजरायल पर 4000 से ज्यादा रॉकेट दागे, हमास के रॉकेट के जवाब में इजरायल ने भी ताबड़तोड़ हमले किये, जिसमें फिलिस्तीन के 232 नागरिकों की जान चली गई, वहीं हमास के हमले में इजरायल में 11 लोगों की मौत हो गई। israel (3) एक अन्य दक्षिणपंथी राजनेता और एविग्डोर लिबरमैन के अध्यक्ष ने इसे नेतन्याहू की एक और विफलता कहा है, उन्होने कहा आतंकी गुट के प्रति सरकार की पिछली नरमी के कारण हमास इजरायल को धमकी देने की स्थिति में आ गया है, सीजफायर उसे और मजबूत बना सकता है।