पागल नहीं हूं… बदतमीजी बर्दाश्त नहीं, पाक क्रिकेट टीम के कोच बनने के सवाल पर वसीम अकरम ने कहा

अकरम ने पाक क्रिकेट टीम के फैंस और फॉलोवर्स के बदतमीजी और बेरुखी को भी कोच नहीं बनने की वजहों में शामिल किया, उन्होने कहा मैं मूर्ख नहीं हूं।

New Delhi, May 29 : पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और दिग्गज तेज गेंदबाज वसीम अकरम अपनी राष्ट्रीय टीम का कोच नहीं बनना चाहते, उनका कहना है कि ये काम काफी समय मांगता है, साथ ही उनके देश में क्रिकेट को पसंद करने वाले लोग बदतमीजी भी करते हैं, हालांकि स्विंग के सुल्तान ने कहा कि जब भी पाकिस्तान क्रिकेट टीम को उनकी जरुरत होगी, तो खिलाड़ियों और युवाओं की मदद के लिये हमेशा उपलब्ध रहेंगे।

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क्या था सवाल
वसीम अकरम ने पाक के लिये 414 टेस्ट और 502 वनडे विकेट लिये हैं, उन्होने 1999 विश्वकप में अपनी टीम का नेतृत्व किया था, वसीम ने क्रिकेट पाकिस्तान को दिये एक इंटरव्यू में कहा, जब आप कोच बनते हैं, तो आपको टीम को साल में कम से कम 200 से 250 दिन देने की जरुरत होती है, ये बहुत समय होता है, मुझे नहीं लगता कि मैं अपने परिवार से, पाकिस्तान से दूर रहकर इतना काम संभाल सकता हूं और वैसे भी पीएसएल में अधिकांश खिलाड़ियों के साथ समय बिताता हूं, उन सभी के पास मेरा नंबर है।

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मैं मूर्ख नहीं हूं
अकरम ने पाक क्रिकेट टीम के फैंस और फॉलोवर्स के बदतमीजी और बेरुखी को भी कोच नहीं बनने की वजहों में शामिल किया, उन्होने कहा मैं मूर्ख नहीं हूं, मैं देखता और सुनता हूं कि लोग किस तरह कोच और सीनियर्स के साथ बदतमीजी करते हैं, खेलने वाला कोच नहीं होता है, ये काम खिलाड़ियों का है, कोच सिर्फ प्लानिंग बनाने में मदद कर सकता है, इसलिये अगर टीम हारती है, तो मुझे नहीं लगता कि कोच को उतना जिम्मेदार ठहराना चाहिये, जितना एक देश के रुप में हम ठहराते हैं।

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डर भी लगता है
पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज ने कहा कि इसलिये मुझे इन सबका डर भी लगता है, क्योंकि मैं अपने साथ किसी तरह की बदतमीजी बर्दाश्त नहीं कर सकता, हम ऐसे ही बनते जा रहे हैं, मुझे लोगों से प्यार है, खेल के लिये उनका जोश और उत्साह भी पसंद है, लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी बदतमीजी झलकती है, ये साफ दिखता है।