कोरोना की वजह से टूट गई थी मलाइका अरोड़ा, तस्वीर शेयर कर बताई आपबीती

मलाइका अरोड़ा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर अपनी तस्वीरों को कोलाज में पोस्ट किया है, जिसमें उन्होने दिखाया है कि कोरोना पीड़ित होने के बाद जब वो वर्कआउट नहीं कर पा रही थी।

New Delhi, Jun 01 : बॉलीवुड आइटम क्वीन मलाइका अरोड़ा ने कभी सोचा भी नहीं था कि कोरोना उन्हें फिजिकली और मेंटली इतना कमजोर बना देगा, कि वो हिम्मत हारने लगेंगी, उनकी वजन बढ गया है और दो कदम भी चलना मुश्किल हो रहा था। हालांकि अब मलाइका अपने पुराने रंग में लौट आई है, उन्होने वेट लॉस भी कर लिया है, 5 सितंबर को कोरोना संक्रमित हुई मलाइका को अब इस संक्रमण से उबरे 32 हफ्ते हो चुके हैं और एक बार फिर वो पुराने अंदाज में लौट आई है।

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बदले अवतार ने चौंकाया
मलाइका अरोड़ा ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर अपनी तस्वीरों को कोलाज में पोस्ट किया है, जिसमें उन्होने दिखाया है कि कोरोना पीड़ित होने के बाद जब वो वर्कआउट नहीं कर पा रही थी, तो किस तरह उनका वजन बढ गया था, हालांकि कड़ी मेहनत के दम पर अब मलाइका ने फिर से अपनी स्ट्रेंथ और पुराना अवतार पा लिया है।

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मेरे लिये आसान नहीं रहा सब
मलाइका ने पोस्ट में लिखा है, तुम बहुत लकी हो, ये तो तुम्हारे लिये बहुत आसान रहा होगा, इस तरह की बातें मैं रोजाना सुनती हूं, हां मैं अपनी लाइफ में कुछ चीजों को लेकर बहुत ही ग्रेटफुल हूं, लेकिन उसमें किस्मत ने बहुत ही छोटा रोल प्ले किया है, और ये सब आसान नहीं रहा, 5 सितंबर को मेरा कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया था, बहुत ही बुरा अनुभव था, जो भी ये कह रहा है कि वो कोरोना से आसानी से रिकवर हो गया, तो समझ लो या तो उसकी जबरदस्त इम्युनिटी है या फिर उसे कोरोना के स्ट्रगल के बारे में कुछ भी पता नहीं है, मैं खुद इससे गुजर चुकी हैं और इसलिये आसान शब्द मेरे लिये सही नहीं है।

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2 कदम भी नहीं चल पाती थी
आइटम डांसर ने आगे लिखा, इसने मुझे फिजिकली तोड़ दिया था, 2 कदम चलने में भी बहुत भारी और मुश्किल लगता था, उठकर बैठना, बिस्तर से बाहर निकलना, अपनी खिड़की पर खड़े होने की चाह, ये सब अपने आप में एक जर्नी थी, Malaika Arora (1) मेरा वजन बढ गया था, मैं कमजोर हो गई थी, स्टेमिना खत्म हो गया, परिवार से दूर थी और ना जाने कितनी तकलीफें, आखिरकार 26 सितंबर को मेरा कोविड टेस्ट नेगेटिव आया और मैं इसके लिये शुक्रगुजार हूं, पर कमजोरी तब भी थी, मुझे बहुत बुरा लग रहा था कि मेरा दिमाग जिस तरह से फील कर रहा है, बॉडी उस हिसाब से सपोर्ट नहीं कर रही थी, मुझे डर लग रहा था कि मैं फिर से अपनी ताकत नहीं पा सकूंगी, मैं सोच रही थी, क्या 24 घंटों में एक एक्टिविटी भी पूरी कर पाऊंगी।