नेतन्याहू को गुड बाय! जानें कौन हैं इजराइल के होने वाले PM नेफ्ताली बेनेट, फिलिस्तीन पर ये है सोच
इजरायल में अब सियासी उलट-पुलट की संभावना है, दरअसल मार्च में हुए चुनाव में बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी बहुमत के आंकड़े को नहीं छू पाई थी । अब उनके बाद नेफ्ताली बेनेट हो सकते हैं अगले पीएम, आगे पढ़ें ।
New Delhi, Jun 04: इजरायल और फिलीस्तीन के बीच छिड़े घमासान में शांति के बाद अब इजरायल में सत्ता का घमासान जारी है । यहां मार्च में हुए चुनाव में बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी बहुमत के आंकड़े को छू नहीं पाई थी, सबसे बड़ी पार्टी के नेता होने के नाते नेतन्याहू को प्रधनमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, हालांकि बहुमत साबित न कर पाने के कारण अब उनका जाना तय हो गया है । करीब 12 सालों के शासन के बाद नेतन्याहू पद छोड़ेंगे । इस बीच, इजरायल के विपक्षी नेता येर लापिद ने राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन को बताया है कि गठबंधन सरकार बनाने के लिए उनके पास पर्याप्त समर्थन है ।
नेफ्ताली बेनेट होंगे अगले पीएम
येर लापिद ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि देश के अगले प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट होंगे । यानि बेंजामिन नेतन्याहू का अब सत्ता से बेदखल होना तय है । नेतन्याहू 1996 में यित्जाक राजिन की हत्या के बाद इजराइल के पहले सीधे तौर पर चुने गए प्रधानमंत्री बने थे, वो देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे । नेतान्याहू पर उनके कार्यकाल में कई बार भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे हैं । हालांकि अपने ऊपर लगे हर आरोप को उन्होंने खारिज किया और कहा कि ये विपक्ष की चाल है।
कौन हैं नेफ्ताली बेनेट?
नेतन्याहू के बाद नेफ्ताली बेनेट इजराइल के अगले प्रधानमंत्री होंगे, दरअसल विपक्षी नेता येर लापिद ने राष्ट्रपति को जानकारी दी है कि उनके साथ येश अतीद, कहोल लावन, इजरायल बेइटिनु, लेबर, यामिना, न्यू होप, मेरेट्ज और रा’म जैसे राजनीतिक पार्टियां हैं । ऐसे में अगर विपक्ष बहुमत साबित कर लेता है तो नेफ्ताली बेनेटे ही अगले प्रधानमंत्री होंगे । बेनेट एक पूर्व टेक आंत्रप्योर हैं, वो बहुत रईस हैं । उनके माता पिता इजराइल के नहीं बल्कि अमेरिका के हैं जो इजाइयल में आकर बस गए ।
नेफ्ताली बेनेट की सोच
नेफ्ताली बेनेट खुद को बेंजामिन नेतन्याहू से भी ज्यादा राष्ट्रवादी मानते हैं, वह वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और गोलान हाइट्स पर यहूदियों के ऐतिहासिक और धार्मिक दावों को अपना समर्थन देते रहे हैं । नेफ्ताली का फिलिस्तीनी चरमपंथियों के खिलाफ सख्त रुप अपनाने के लिए जाना जाता है, उनका मानना है कि इन चरमपंथियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए । यानी अगर वो इजरायल के प्रधानमंत्री बन रहे हैं तो फिलस्तीनियों की मुसीबत कम नहीं होगी । बहुत संभव है कि शांति वार्ता भी खत्म हो जाए । बेनेट पूर्व में कई ऐसे बयान दे चुके हैं जो फिलिस्तीन को लेकर काफी आक्रामक थे ।