बहुत पहले शुरु हो गई थी ‘चिराग’ बुझने की कहानी, जानिये जदयू ने कैसे किया ‘ऑपरेशन लोजपा’
विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार के खिलाफ तीखे बयान देने वाले चिराग लगातार हमलावर रहे, अब कहा जा रहा है कि इस टूट की पटकथा जदयू की ओर से बिहार चुनाव के नतीजों के बाद से ही लिखनी शुरु हो गई थी।
New Delhi, Jun 15 : एक बहुत पुरानी फिल्म थी प्रेसिडेंट, जिसमें केएल सहगल साहब ने एक गाना गाया था, एक बंगला बने न्यारा, कुनबा जिसमें सारा, बिहार चुनाव के दौरान नीतीश कुमार की बिहार से विदाई की उम्मीद लिये एक न्यारा बंगला का सपना देख रहे थे चिराग पासवान, आज उसी बंगले से उनके अपनों ने ही उन्हें बेदखल कर दिया है, हालात ये हो चुकी है कि चिराग को बंगले में एंट्री के लिये तरसना पड़ा, चिराग पासवान चाचा पशुपति पारस से मिलने के लिये उनके बंगले के बाहर हॉर्न बजाते रहे, डेढ घंटे इंतजार करते रहे, लेकिन चाचा ने मुलाकात नहीं की।
जदयू ने लिखी पटकथा
विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार के खिलाफ तीखे बयान देने वाले चिराग लगातार हमलावर रहे, अब कहा जा रहा है कि इस टूट की पटकथा जदयू की ओर से बिहार चुनाव के नतीजों के बाद से ही लिखनी शुरु हो गई थी। जिसकी तस्दीक चिराग को लोजपा से बेदखल करने के ऐलान के बाद की तस्वीर करती नजर आई, तस्वीर वीणा देवी के दिल्ली स्थित आवास सरस्वती अपार्टमेंट की थी, जहां चिराग के चाचा पशुपति पारस की अगुवाई में लोजपा के पांचों सांसद, जदयू सांसद और नीतीश के करीबी ललन सिंह के साथ मिलने पहुंचे थे, साथ में जदयू के संजय सिंह और महेश्वर हजारी भी थे।
जदयू ने ले लिया बदला
बिहार चुनाव में जदयू को चिराग की ओर से नुकसान पहुंचाया गया, जदयू 43 सीटों पर सिमट गया, नीतीश ने भी पार्टी की बैठक में लोजपा की ओर से पहुंचे नुकसान का जिक्र किया था, माना जा रहा है कि चुनाव के बाद बदला लेने के लिये ऑपरेशन लोजपा शुरु हुई, ललन सिंह और महेश्वर हजारी काफी समय से दिल्ली में रहकर इस ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने में जुटे थे, नतीजा ये हुआ कि कुछ महीनों में ही लोजपा के एक मात्र विधायक राज कुमार सिंह को जदयू में शामिल किया गया, बीजेपी ने भी दूसरा झटका दिया, एकमात्र एमएलसी नूतन सिंह बीजेपी में शामिल हो गई, अब लोजपा के पांचों सांसदों ने चिराग को किनारे करते हुए नीतीश का समर्थन किया है, जदयू का ऑपरेशन कामयाब रहा। कामयाबी की खुशी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के बयान में झलक रही थी, जिसमें वो कहते नजर आये, जो जैसा बोएगा, वैसा ही काटेगा।
क्या करेंगे चिराग
अब सवाल ये है कि अलग-थलग पड़े चिराग पासवान क्या करेंगे, वैसे चिराग को तुरंत राजद और कांग्रेस ने साथ आने का ऑफर दिया है, तो क्या चिराग बंगला छोड़ लालटेन की लौ बढाएंगे, या हाथ मजबूत करेंगे, हालांकि इस पूरे घटनाक्रम से एक बात साफ है कि धैर्य रखते हुए बिना शोर किये अपने विरोधियों से कैसे बदला लिया जाता है, नीतीश कुमार ने एक बार फिर से कर दिखाया है।