कोरोना की सबसे दर्दनाक तस्वीर याद है, तब सांसों के लिये लड़ी थी, अब जिंदगी के लिये लड़ रही

47 वर्षीय रवि सिंघल पेठा बेचकर परिवार का गुजारा करते थे, कोरोना और लॉकडाउन में वो बिजनेस भी बंद हो गया, परिवार के पास कोई बचत नहीं है, रेनू ने कहा, मैं पेट भरने के लिये कुछ नहीं कर पा रही।

New Delhi, Jun 16 : कोरोना संक्रमण जब चरम पर था, तो यूपी के आगरा की एक तस्वीर वायरल हुई थी, इस तस्वीर में एक महिला अपने पति की जान बचाने के लिये मुंह से सांस दे रही थी, पति को 4 अस्पतालों से ये कहकर लौटा दिया गया, था कि बेड नहीं है, पति की टूट रही सांसों को बचाने के लिये वो उसे सीपीआर देती रही, लेकिन पति को बचा नहीं सकी।

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तस्वीर हुई थी वायरल
इस तस्वीर के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर तरह- तरह के कमेंट हुए, लेकिन किसी ने भी ये जानने की कोशिश नहीं की, कि उस महिला का क्या हुआ, टाइम्स ऑफ इंडिया ने महिला का पता लगाया, तो पता चला है कि उनका नाम रेनू सिंघल है, उनके पति का नाम रवि सिंघल था।

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ढाई हजार के किराये के कमरे में रहता है परिवार
रेनू सिंघल अपने बच्चों के साथ आगरा के आवास विकास कॉलोनी में ढाई हजार रुपये महीने के किराये के एक छोटे से मकान में रहती है, वो टूट चुकी हैं, 43 वर्षीय रेनू ने कहा मेरी बेटी भूमि 16 साल की है, जो दसवीं की छात्रा है, मेरे पति परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे, परिवार के पास राशन कार्ड या आयुष्मान भारत कार्ड नहीं है, महामारी की वजह से उसे नौकरी नहीं मिल रही है।

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पेठा बेचते थे पति
47 वर्षीय रवि सिंघल पेठा बेचकर परिवार का गुजारा करते थे, कोरोना और लॉकडाउन में वो बिजनेस भी बंद हो गया, परिवार के पास कोई बचत नहीं है, रेनू ने कहा, मैं पेट भरने के लिये कुछ नहीं कर पा रही, मुझे अपनी बेटी को लेकर चिंता है, मैं सीएम योगी आदित्यनाथ से अनुरोध करती हूं, कि हमारी कुछ मदद करें।

20 अप्रैल को आया था बुखार
रेनू ने बताया कि रवि की बीमारी 20 अप्रैल को हल्के बुखार के साथ शुरु हुई थी, 2 दिन बाद वो मुश्किल से सांस ले पा रहे ते, 23 अप्रैल को उनकी हालत गंभीर हो गई थी, मैंने एक ऑटो किराये पर लिया और उन्हें पास के अस्पताल ले गई, मुझे बताया गया कि उनके पास ऑक्सीजन नहीं है, मैंने दो अन्य अस्पतालों में उन्हें भर्ती कराने की कोशिश की, लेकिन उनके पास कोई बेड नहीं था, फिर मुझे सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में जाने को कहा गया। मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले वो होश खोने लगे, रेनू ने कहा कि मैं इमरजेंसी वार्ड में गई, और स्टाफ के सदस्यों से स्ट्रेचर की भीख मांगी, लेकिन किसी ने नहीं सुनी, जब मैं ऑटो में वापस आई, तो देखा, कि रवि को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, उन्होने मेरा हाथ जोर से दबाया, माने मुझसे कह रहे हों, कि मुझे बचा लो। उनका शरीर अकड़ने लगा, सांस बंद होने लगी, तो मैंने उन्हें मुंह में सांस दी, लेकिन बचा नहीं सकी। इसी दौरान एक राहगीर ने तस्वीर ले ली जो बाद में वायरल हो गई, आगरा के जिला मजिस्ट्रेट प्रभु एन सिंह ने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि परिवार को जल्द मदद पहुंचाएं।

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