मुसीबत में मोदी के बिहार वाले हनुमान, लेकिन क्यों चुप है बीजेपी, जानिये Inside Story
लोकसभा में लोजपा के चिराग समेत 6 सांसद थे, जिसमें से 5 ने चिराग से बगावत करते हुए खुद को असली लोजपा घोषित कर दिया है, तो चिराग ने भी उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है।
New Delhi, Jun 16 : लोजपा प्रमुख रहे चिराग पासवान ने बीते बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए में रहते हुए जदयू के खिलाफ अभियान छेड़ा था, उन्होने खुद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हनुमान बताते हुए बीजेपी के उम्मीदवारों को वोट देने की अपील की थी, इस कारण जदयू बिहार चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बनकर रह गई, एनडीए में भी उसकी पहले वाली हैसियत नहीं रही, उसी समय से सीएम नीतीश कुमार की आंखों की किरकिरी बने चिराग पासवान के बंगले पर अब जदयू का तीर बिल्कुल निशाने पर बैठा है, चिराग को अपनी ही पार्टी ने बेदखल कर दिया है, खास बात ये है कि लोजपा के इस आंतरिक मामले पर जदयू चिराग के खिलाफ बयान दे रहा है, तो बीजेपी ने चुप्पी साध रखी है। ऐसे में सवाल उठता है कि बीजेपी चुप क्यों है।
पार्टी पर कब्जे की जंग
लोकसभा में लोजपा के चिराग समेत 6 सांसद थे, जिसमें से 5 ने चिराग से बगावत करते हुए खुद को असली लोजपा घोषित कर दिया है, तो चिराग ने भी उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है, बागी गुट के नेता चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस लोजपा संसदीय दल के नये नेता बन गये हैं, साथ ही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आपात बैठक में चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से भी हटाते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूरजभान सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया है, उन्हें अगले अध्यक्ष के चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है। इसके बाद चिराग ने भी बागी सांसदों को पार्टी से निकाल दिया है, स्पष्ट है कि चिराग और बागियों के बीच पार्टी पर कब्जे की जंग तेज हो गई है।
चढा बिहार का सियासी पारा
लोजपा की इस टूट पर राजनीति पारा भी चढ गया है, चिराग पासवान को राजद की ओर से भाई वीरेन्द्र ने अपने पाले में आने का ऑफर दिया है, दूसरी ओर लोजपा के बागियों ने खुलकर सीएम नीतीश कुमार की तारीफ की है, साथ ही विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान द्वारा नीतीश के विरोध की भी आलोचना की है। बागी सांसद दिल्ली और पटना में जदयू के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं, बगावत के तुरंत बाद उन्होने जदयू सांसद ललन सिंह से मुलाकात भी की थी, हालांकि जदयू ने लोजपा में तोड़फोड़ से इंकार किया है, उधर एनडीए में सीएम नीतीश कुमार के सहयोगी हम अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने तो खुलकर चिराग पासवान की आलोचना की है।
बीजेपी चुप
खास बात ये है कि एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी इस पर चुप्पी साधे हुए है, बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने इसे लोजपा का आंतरिक मामला करार दिया है, उन्होने ये कहकर बीजेपी का रुख स्पष्ट कर दिया है कि लोजपा अलग पार्टी है, और उसके आंतरिक मामले पर बीजेपी कोई टिप्पणी नहीं करेगी। सवाल ये है कि चिराग को लेकर बीजेपी चुप क्यों है, माना जा रहा है कि बीजेपी चिराग का समर्थन कर बिहार की अपनी स्थिर सरकार को खतरे में नहीं डालना चाहती है।