शेर का बेटा हूं लड़ाई जारी रहेगी, मोदी से मदद मांगने पर चिराग पासवान ने कही बड़ी बात, वीडियो

चिराग पासवान ने कहा कि जब मैं बीमार था, तो मेरे पीठ पीछे पार्टी को तोड़ने की साजिश रची गई, इस बार होली पर परिवार को कोई भी व्यक्ति साथ नहीं था।

New Delhi, Jun 16 : लोजपा में जारी घमासान को लेकर बुधवार को चिराग पासवान ने प्रेस कांफ्रेंस की, चाचा पशुपति पारस के साथ जारी विवाद को लेकर उन्होने अपना पक्ष सभी के सामने रखा, चिराग ने कहा कि मैं चाहता था कि परिवार की बात बंद कमरे में निपट जाए, लेकिन अब ये लड़ाई लंबी चलेगी और कानूनी तरीके से लड़ी जाएगी। चिराग ने कहा कि पिछले कुछ समय से मेरी तबीयत खराब थी, इसलिये मैं पिछले कुछ दिनों से बाहर नहीं आ पाया, सिर्फ एक प्रेस कांफ्रेस से सबकुछ नहीं निपटेगा, ये लड़ाई लंबी है।

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पापा के निधन के बाद बढने लगी मुश्किलें
चिराग पासवान ने कहा कि 8 अक्टूबर को पिताजी का निधन हुई, उसके बाद चुनाव आ गये, वो समय काफी मुश्किल था, लेकिन चुनाव के दौरान लोगों ने हमें बड़ा समर्थन दिया, हमें 25 लाख से ज्यादा वोट मिले, चिराग ने कहा कि nitish chirag जदयू की वजह से हम गठबंधन से अलग हुए थे और अकेले चुनाव लड़े थे। मेरा भरोसा नीतीश कुमार की नीतियों पर नहीं था, इसलिये मैंने किसी के सामने नहीं झुकने के फैसला लिया, पार्टी में जो लोग संघर्ष के पथ पर नहीं थे, उन्होने अलग रास्ता अपनाया, मेरे चाचा पशुपति पारस ने भी चुनाव के दौरान प्रचार में कोई भूमिका नहीं निभाई।

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पार्टी तोड़ने की साजिश
चिराग ने कहा कि जब मैं बीमार था, तो मेरे पीठ पीछे पार्टी को तोड़ने की साजिश रची गई, इस बार होली पर परिवार को कोई भी व्यक्ति साथ नहीं था, मैंने अपनी चिट्ठी में चाचा से बात करने की अपील की थी। चिराग ने कहा कि पार्टी के संविधान के मुताबिक सिर्फ संसदीय दल और खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष ही संसदीय दल के नेता को चुन सकता है, अगर चाचा कहते तो उन्हें संसदीय दल का नेता बना दिया जाता, अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात है, तो पार्टी के संविधान के मुताबिक अभी भी वही अध्यक्ष हैं।

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शेर का बेटा हूं
चिराग पासवान ने कहा कि मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं, शेर का बेटा हूं, पहले भी अकेले लड़ा था और आगे भी लड़ूंगा, paswan family बिहार की जनता हमारे साथ है, जदयू की ओर से बांटने की कोशिश की जा रही है, इन्होने पहले भी दलितों को बांटने की कोशिश की है।

मोदी से मदद
बीजेपी को लेकर जब चिराग से सवाल पूछा गया तो उन्होने कहा कि अगर हनुमान को राम से मदद मांगनी पड़ी, chirag modi तो हनुमान काहे के और राम काहे के, दरअसल विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने खुद को पीएम मोदी का हनुमान कहा था।